Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02 Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala View full book textPage 7
________________ IIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIII शुद्धिपत्रम् III अशुद्ध चाम्बुदम् - अशुद्ध कीण शुद्ध वाम्बुदम् चतस् शंखो कीणे अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ श्लोक विनादित्याः जिनादित्या. 1 1 प्रति० 297 76 प्रश्नां प्रनां 298 98 299 22 श्रावक 300 46 पृष्ठ श्लोक૨૮ 68 359 89 पृष्ठ श्लोक 329 80 332 42 333 60 335 प्राति // 5 // चत द्विजो द्विजो शखो शुनक्या च्छ घों दुर्घषों मेषो दुर्धर्ष 361 335 336 यदि त्वेन 364 शुनक्यः प्रछ (रपि) त्वेनाs केटुम् 366 10 वर! 303 97 धावता कर प्रभोना मेष धावताम् क्रूर प्रभोर्ना धिताम् द्यापि ASAN धितम् 354 द्यावि वनि ततो त्वया मत्या 340 94 | कटु 344 72 श्रुत्वे स्वसेव 345 83 | सखाः पार्श्वस्य सहित 35488 शृंग 314 6 317 69 324 99 328 76 / स्वसेवः सा 380 सखा पार्श्वश्च 384 सहितः त्वय्या मत्याः धौ // 5 // afell बभौ सज्जन सर्जनPage Navigation
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