Book Title: Bhajanpad Sangraha Part 11
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४० १४५ १४७ १५० आत्मप्रभु दर्शन १३८ १५१ वैराग्य भाव १५२ खटपट त्याग १४१ १५३ प्रभु स्मरण १४१ १५४ धर्म कर्म चूक नहि .... १४२ १५५ आत्मप्रभु प्रभातियु .... १४२ १५६ परस्पर भिन्न सर्वधर्मी लोकोनी समभावथी मुक्ति. १४३ १५७ आत्मोपयोग महिमा .... १४४ १५८ शिवपुर मार्ग गमन .... १५९ ब्रह्मचर्य १४६ १६० शुद्धात्म प्रभु प्राप्ति १६१ केशरीयानाथ स्तवन १४८ १६२ गुणदर्शन पूजा १४९ १६३ धर्मनी कहेणी रहेणी .... १६४ ब्रह्मचारी १६५ उपकारी जगने नमन.... १५२ १६६ कर्तव्य .... १५३ १६७ महावीर प्रभु प्रार्थना ध्येय (स्तवन) १५४ १६८ श्री महावीर प्रभु प्रार्थना. १६९ “जैन थवानी महावीर प्रभु आगळ प्रार्थना". १७० प्रभु महावीर देव स्तवनम् .... १५६ १७१ महावीर स्तवन (प्रभु महावीर देवभक्त जैन कर्तव्य) १५७ १७२ श्री महावीर स्तवन .... १५८ १७३ गुरुभक्तो १५९ १७४ साधु .... १४९ १५० १५६ For Private And Personal Use Only

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