Book Title: Bhajanpad Sangraha Part 11
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
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१०० व्यसन त्याग. १०१ बाल लग्न कुरीवाज निषेध बोध. .... १०२ कन्याविक्रय तथा पर विक्रय निषेध. १०३ वृद्ध लग्न निषेध तथा बहुपत्नी रुढि निषेध. .... १०४ प्रभुबाळ. .... .... .... १०५ आत्म चितवन १०६ आत्मोपयोग १०७ आत्मस्वरूप १०८ आत्मदेश प्रवेशामंत्रण .... १०९ आत्मप्रभु प्रगटाववानी लगनी ११० आत्म महावीर लगनी... १११ प्रभुप्रेम .... ११२ पधारो प्रभु.... ... ११३ मोक्षगमनोपदेश ११४ कावादावा त्याग बोध.... ११५ असार संसार .... ११६ वैराग्यथी त्यागनी सिद्धि ११७ धर्मर्नु मूल श्रद्धा ११८ गुरु करवानी आवश्यकता ११९ कोर्ट न चड, १२० जीवंतां मरेल जैन १२१ जगमां जीवतो १२२ मोह त्यागोपदेश १२३ दिव्य देशगमन १२४ मौन
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