Book Title: Bhajanpad Sangraha Part 10
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निवेदन. अध्यात्मज्ञानप्रसारक मंडळ तरफथी श्रीमद् बुद्धिसागर ग्रंथ माळाना वासठमा मणका तरीके भजनपद संग्रह भा. १० के जेना रचयिता शास्त्रविशारद जैनाचार्यश्रीमद् बुद्धिसागरजी सूरीश्वरजी छे. ते सं. १९७९ नी सालमां बहार पाडवामां आवे छे तेनी पडतर किंमत रु. १-०-० राखवामां आवेल छे. आचार्यश्रीना भजनो जैन जैनेतर समाजमा प्रेमथी गवाय छे. तेओश्रीना भजनो सर्व लोकोने आनंदयी रसपूर्वक गावातुं मन थाय तेवां खास विचारणीय छे. तेमनां रचेलां भजनो अध्यात्मज्ञानरसथी भरपूर छे. मंडळे अन्यार. सुधी भजनपदसंग्रहना भाग ९ बहार पाडेल छे. ते आ ग्रंथ वेरावळ निवासी सुश्रावक कालीदासभाइ अमरशीभाइ हा. श्राविका बहेन नंदकोरवेने मेहसाणामां गुरुराजश्री विराजता हता त्यारे रु. १२००) मदत आपवानी पोतानी उत्कंठा जणाववाथी आ ग्रंथ तेमनी मदतनी सहायथी छपाववामां आवेल छे, अने आपेली सहायमांथी जे कंई वधशे ते अन्य पुस्तक छपाववामां लेवामां आवशे. मंडळ पासे उतम फंड नथी पण ते धनवंतोनी सहायथी पुस्तको प्रसिद्ध करे छे. मंडळ तरफथी सस्ती किंमते पुस्तको वेचाय छे, ते जैनकोम सारी रीते जाणे छे. आ ग्रंथ छपाववा माटे पोताना धननो सदुपयोगकरनार बाइने (वर्तमानमां साध्वीजीने) मंडल तरफथी अंत:करण पूर्वक धन्यवाद आपवामां आवे छे अने भविष्यमां जेओ अन्य पुस्तको छपाक्वामां सहाय करशे, तेओनो उपकार मानवामां आवशे. जेओए पुस्तक छपाक्चामां मदत करी छे, तेओए आपेला रुपैयानी यादी सहित For Private And Personal Use Only

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