Book Title: Bhagwan Mahavir tatha Mansahar Parihar Author(s): Hiralal Duggad Publisher: Atmanand Jain Sabha View full book textPage 9
________________ की पुण्यभूमि में महासभा की ओर से पडितजी को भेट करने का मुझे श्रय प्राप्त हुआ था और उनके इस श्लाघ्य प्रयास की सराहना उस अवसर पर भी मैने की थी। उनके लेख को पुस्तक रूप में विद्वानों के निष्पक्ष भाव से अवलोकन के लिए भेट करने और इस चर्चित विषय की बहुमुखी व्याख्या और विशदीकरण के इस अमूल्य प्रयाम को उनके समक्ष रखने में महामभा हर्ष अनुभव करती है। हमे आशा है कि इसका अध्ययन करके सभी विवेकशील विद्वानो को सतुष्टि प्राप्त होगी। एम-१२८, कनाट सर्कस, नई दिल्ली-१ दिनाक १०-५-६४ विनीत ज्ञानदास जैन, ऐडवोकेटPage Navigation
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