Book Title: Bhagavana Mahavira ke Panch Kalyanaka Author(s): Tilakdhar Shastri Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti View full book textPage 6
________________ प्रकाशकीय विवरणिका घाचार्य श्री प्रात्मा राम जैन प्रकाश-समिति ही पजाब मे एक | पुस्तक पञ्च कल्याणक मान ऐसी सस्था है जो निरन्तर प्रेरक श्री मुनि फूलचन्द जी श्रमण श्री सघ की साहित्यिक मेवा कर रही है । मब तक ममिति द्वारा प्रास्ताविक व्या वा श्री क्रान्ति मुनि जी म. लगभग २७ अन्ध प्रकाशित हो सम्पादक श्री तिलकधर शास्त्री प्रस्तुत 'पञ्चकल्याणक' पुस्तक च्यवन | प्रो० मुलखराज जैन एम, ए पच्चीसवी महावीर निर्वाण शताब्दी के पावन वर्ष में किया गया जन्म | श्री तिलकधर शास्त्री एक महान माहित्यिक प्रयास है जो जन-धर्म-दिवाकर पजाब-दीक्षा श्री ज्ञान मुनि जी महागज प्रवर्तक मुनि श्री फूल चन्द जी केवल-जान श्री मनोहर मुनि जी महाराज श्रमण महाराज एव दिद्वद्रत्न श्री रल मुनि जी महाराज की प्रेरणा निर्वाण | श्री मुनि नेमिचन्द्र जी महाराज का फल है । इसमें विद्वान् मुनीप्रवरी एवं लेखको ने अत्यन्त परि- | वचनामृत ) श्री श्रमण जी महाराज अम एव गवेषणा पूर्वक भगवान । मृद्रक आत्म जैन प्रिंटिंग प्रेस महावीर का जीवन प्रस्तुत किया है हम ममिति की ओर से इम ३५०, इण्डस्ट्रियल एरिया-ए, कृति का अभिनन्दन करते हैं। समिनि ने प्रस्तुत पुस्तक के लुधियाना-३ प में 'लाई महावीर फाउण्डेशन' के साहित्य प्रकाशन के लक्ष्य को प्रकाशक । प्राचार्य श्री प्रान्माराम जैन मी पूर्ण करने की दिशा में यह ।। प्रकाशन ममिति, नहान प्रयास किया है। इस पुस्तक के प्रकाशनार्य द्रव्य जैन स्थानक, लुधियाना महायता प्री स्वरूपचन्द जी जैन अर्थव्यवस्था सेठ सीताराम गप्ता गोविन्दगढ गोविन्दगढ़, में० सीताराम गुप्ता गोविन्दगद, सागरमल जैन एण्ड सागर मल जैन एण्ड कम्पनी , कम्पनी गोविन्दगढ. मै० कन्या लाल एण्ड मम गोविन्दगढने की ला० कन्हया लाल एण्ड सन्स , , है । इस महान् पुण्य कार्य के लिये मैं समिति की ओर से इव श्री स्वरूपचन्द्र जैन गोविन्दगढ़ मर को शत-शत धन्यवाद देता है सन्तरण । प्रथम पौर आया करता हूँ कि ये हम इसी प्रकार समोर देते रहेगे । वीर मम्वत २५०१ नस्वन्तराय जैन विक्रम सम्वत २०३२ प्रज्ञान - -- - - -- memasomaadhaarope worPage Navigation
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