Book Title: Bbhakti Karttavya
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 112
________________ अंतर-जल्प विकल्प संहारी, मार भगायी चाह ....भयो... कर्म-कर्मफल चेतनताको, दीन्हो अग्नि-दाह ...भयो.... पारतंत्र्य पर-निजको मिटायो, आप स्वतंत्र सनाह ... भयो ... निज कुलवट की रीति निभाई, पत राखी वाह वाह .....भयो ... तीन लोक में आण फेलाई, आप शाहन को शाह . .. भयो .. ज्ञान चेतना संगमें विलस, सहजानंद अथाह .....भयो... ३. पद परिचय: ___ नाम सहजानंद मेरा नाम सहजानंद । अगम देश अलख-नगर-वासी मैं निर्द्वन्द्व... नाम ... सद्गुरू-गम तात मेरे, स्वानुभूति मात । स्याद्वाद-कुल है मेरा, सद् विवेक भ्रात...नाम.... सम्यग्-दर्शन देव मेरे, गुरू है सम्यग् ज्ञान । 81

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