Book Title: Bbhakti Karttavya
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 118
________________ आवो पधारो धैर्य बंधावो, ढील करो शाने महाराज ...मारी. ५. आपो आपो सौने प्रभु ! सन्मति, आपो भक्तिनुं साज ... मारी. ६. न हो अंतराय कोई मारा मारगमां, नहिं तोजाशे तुझ लाज ...मारी. ७. मूळ मारग निर्विघ्ने आराधु, सहजानंद स्वराज ....मारी. ८. (दि. २८-८-१९६५) १०. पद प्रभुनाम रहस्य :प्रभु तारां छे अनंत नाम, कये नामे जपुं जपमाळा, घट-घट आतमराम, कये ठामे शोधुं पगपाळा .......... जिन-जिनेश्वर देव तीर्थकर, हरि हर बुद्ध भगवान कये. ब्रह्मा विष्णु महेश ईश्वर, अल्लाह खुदा इन्सान .. कये. १. अलख निरंजन सिद्ध परम तत्त्व, सत् चिदानन्द ईश ...कये. 87

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