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(३)
वे बोल.
दरेक ज्ञातिना जेवा के जैन, विष्णु, बौद्ध वगेरे धर्म पालनारा लोको पण एकतारा, मंजीरानी धूनमां बे घमी संगीतमय मार्गी पदमां मस्त जगाय बे तथा केटलाक तुमरी ने साधारण पदोमां ईश्वर स्तवनादि पोताना हृदयने प्रिय लागे तेवा रागोमां गाय बे. केटलाक सानो भैरवी मालकोश, धन्याश्री, सारंग, कल्याण वगेरे रागोमां सतार, हारमोनीयम वगेरे वाद्योमां बाया जमावी घडीजर दुःखनी विस्मृति करावे a. नाटकोमi पण गायन गायन ने गायनज अर्थात् आखा देशोना देशोमां संगीतनी
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