Book Title: Bahotteriona Padono Sangraha
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 12
________________ (१२) पदांक. पदनां नामो. पृष्ठांक. ॥७॥ सामेरी रागमां गवातां पदो॥ ३२ नितुर लये क्युं ऐसे,पिया तुम० ५४ ॥॥ धन्याश्री रागमां गवातां पदो॥ ५० अनुन्नव प्रीतम कैसे मनासी. ५ ५५ चेतन श्रापा कैसे लहो. ए३ ५६ बालुमी अबला जोर किश्यु करे. ए३ नए चेतन सकल वियापक होइ. १५३ ए६ अरी मेरो नाहेरी अतिवारो. १६६ १५ जूट्यो नमत कहा बेअजान. १२४ २० संतो अचरिज रूप तमासा. २५६ २१ कर ले गुरुगम ज्ञान विचारा. २२० २२ अब हम ऐसी मनमें जाणी. २३० ॥ ए॥ टोमी रागमां गवातां पदो ॥ १० परम नरम मति और न श्रावे. १६ Jain Educationa Interratibeasonal and Private Usevanky.jainelibrary.org

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