Book Title: Avashyakaniryuktidipika Part_2
Author(s): Manekyashekharsuri
Publisher: Vijaydansuri Jain Granthmala Surat

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Page 3
________________ सदरहु ग्रन्थ- काळजीपूर्वक संशोधन करवामां पूज्य मुनिराजश्री मानविजयजी महाराजे अत्यंत परिश्रम उठावेल छे, अने बन्ने भागो छपाईने तैयार थया पछी रही गयेल अशुद्धिओ शोधीने शुद्धिपत्रक पण तेओश्रीए तैयार करेल छे; छतां पण दृष्टिदोषथी अगर प्रेसदोषथी कई पण क्षति रही जवा पामी होय तो विद्वद्वर्यो सुधारी लेशे एवी आशा छे. सदरहु अन्थने छपाववा माटे द्रव्यनी सहायना उपदेशदाता मुनिवर, संशोधक मुनिवर अने द्रव्यनी सहाय करनार ज्ञानप्रेमीओनो आ संस्था तरफथी अत्यंत आभार मानु र्छ अने ईच्छु छु के सदरहु संस्थाने आवा ग्रन्थोना वधु प्रकाशनमा पोतानी शक्तिओनो लाभ आपे ए ज कामना. वि. सं. १९९७ अषाढ शुदि २, सुरत. लि० संपादकमास्तर हीरालाल रणछोडभाई wwinelibrary org Jain Education Inter For Private & Personal Use Only

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