Book Title: Atmanand Prakash Pustak 091 Ank 07
Author(s): Pramodkant K Shah
Publisher: Jain Atmanand Sabha Bhavnagar

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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आत्मानंद प्रकाश ] अपने जीवन को धन्य और कृतार्थं किया है। श्री प्रतापभाई भोगीलाल ने किया । पूज्य गुरुदेव ने अपना उद्बोधन देते हुए इस पारणा समारोह के प्रसग के लिए कहा कि मैंने एक वर्षी तप का पारणा हस्ति- विशेष रुप से वनाए गए चित्र 'सुपात्र-दान नापुर में किया था। उसी समय मैने संकल्प अक्षय तृतीया' का अनावरण सुप्रसिद्ध गायक किया था - एक वर्षी तप शत्रुजय तीर्थ में श्री रवीन्द्र जैन ने किया । इस चित्र के रहकर कमगा और उसका पारणा भी वहीं मध्य में पूज्य गुरुदेव का आकर्षक चित्र और करूगा । आप सभी लोगों की शुभ कामनाओं उनके दाएं बाएं हस्तिनापुर और शत्रजय का और दादा आदिनाथ की कृपा से मेरा संकल्प चित्र है । इस चित्र के कलाकार श्री कांतिपूर्ण हुआ है । जब मैने वर्षीयतप उठाया भाई रांका है और प्रेरक आचार्य श्रीमद उस समय सभी ने मुझ वर्षीय तप न उठाने विजय ज़गच्चन्दसूरिजी महाराज है । की बिनती की थी । तब मैंने कहा था कि पूज्य गुरूदेव के पारणे के लिए विशेष यदि मेरे स्वाथ्य ने मुझे साथ न दिया तो रूप से आमंत्रीत संगीतकार श्री रवीन्द्र जैन में इस वर्षीतप को छोड दूंगा । परंतु मुझे ने अपनी मधुर संगीत से समा बांध दिया । इसकी आवश्यकता नहीं हुई । मुझो अपनी पारणा समिति की ओर से उनका स्वागत तपश्चर्या में कोई कठिनाई नहीं हुई । एक और अभिनंदन किया गया । बात भै अपने इस वर्षीतप पारणे के प्रसंग इस समारोह में पूज्य गुरुदेव को कबली पर करना चाहता हूं वह है पंजाब के एकता बोहराने का चढावा बोला गया जिसका लाभ की । हमारे गुरुदेव एकता का संदेश देते थे सरदारीलाल शिग्वरचंद जैन मुरादाबादवालोंने वे संगठन के पक्षधर थे हमें उन्हीं के पथ लिया । पर चलना हैं । हम उनके अनुयायी और वर्षी तप के सभी साधु-साध्वियों को भक्त हैं । हमारी शोभा इसी में है कि हम कंबली बोहराने का लाभ श्री मांगीलालजी उन्हीं के पदाचिन्हों पर चलते रहे । ओकचंदजीने लिया। ___ इसी समारोह में मुनि श्री नवीनचन्द्र पूज्य गुरुदेव को अभिनंदन पत्र अपिता विजयजी द्वारा लिखित श्रीमद विजयानंदसूरि करने का लाभ पाली के बोकडिया परिवार ने जीवन और कार्य' पुस्तक का विमोचन किया लिया । गया । इसका विमोचन पुस्तक के अर्थ सह- प्राः ८.०० बजे से लेकर मध्यान्ह ३-०० योगी श्रीपाल जैन बरड (डी. पी. ओसवाल बजे तक यह ऐतिहासिक सभा चलती रही होजरी) लुधियाना वालों ने किया । अन्त में सभी वषीय तप के तपस्वियों का इसी के साथ कवि अभयकुमार चौबेय पारणा १०८ श्रेयांसकुमारों ने इक्ष रस का द्वारा लिखित 'युगवीर वल्लभ' का विमोचन एक एक घडा बोहरा कर सम्पन्न करवाया। For Private And Personal Use Only

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