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वर्षीय तप के तपस्वी श्रमण थे
पूज्य गुरुदेव
उपाध्याय श्री बसंत विजयजी म. मुनिश्री विनयरत्नविजयजी म.
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वर्षीय तप की तपस्विनी श्रमणी श्री
साध्वी श्री प्रबोधश्रीजी म.
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देवेन्द्रविजयजी म. ऋषभचन्द्रविजयजी म.
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चरणप्रभाश्रीजी म.
भद्रयशाश्रीजी म
यशोभद्राश्रीजी म.
पुष्पाश्रीजी म.
निपुणाश्रीजी म.
योगशिलाश्रीजी म.
बालचन्द्राश्रीजी म.
कीर्तिप्रभाश्रीजी म.
नयप्रभाश्रीजी म.
प्रज्ञलताश्रीजी म.
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图
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注
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[ आत्मानंद प्रकाश
मृदुलताश्रीजी म.
विपुलयशाश्रीजी म.
हर्षप्रियाश्रीजी म.
प्रियधर्माश्रीजी म.
विश्वप्रज्ञाश्रीजी म.
ज्ञान और क्रिया एक दूसरे की सहायता से मोक्ष के मार्ग पर आत्मा को बढाते है ।
● महामानवों की आत्माओ के समान ही हमारी आत्माएं भी अनन्त बलशाली और अनन्तज्ञान की अधिकारिणी है । आवश्यकता केवल उन्हे जगाने की है ।
हर्मिष्ठाश्रीजी म.
सुप्रशाश्रीजी म.
महाप्रज्ञाश्रीजी म.
ज्योतिप्रज्ञाश्रीजी म.
जीतयशाश्रीजी म.
कल्पपूर्णाश्रीजी म.
जिन प्रजाश्रीजी म.
रत्नशिलाश्रीजी म.
सुजीताश्रीजी म.
प्रियसुधाश्रीजी म.
रश्मिप्रभाश्रीजी म.
सुमनीषाश्रीजी म.