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दवा तिल्ली की ।
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इससे कठिन से कठिन तिल्ली लरक कछुइया अच्छी हो जाती है । की ० १ ) कल्याण वटिका |
इससे स्वप्नदोष और सब तरहका धातुविकार अच्छा होजाता है । की० १) दवा कुष्ठ की ।
यह खाने लगाने की दो दवाइयां हैं कुष्ठ को बहुत जल्दी आराम करती है । की ० १ )
दवा पीनस की ।
नाकका स्वर बिगडना खुशबू न आना आदि पीनस की बीगारी इस से अच्छी होती है । की ० १ )
नयनसुधा अञ्जन ।
इससे आंखका जाला धुन्ध फुली माडा आदि सब अच्छे होते हैं। की० ॥) ग्रहणी कपाट रस |
इससे सब तरहकी नई पुरानी संग्रहणी आराम हो जाती है । की० १ ) दवा पशुलीके दर्द की ।
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इससे पशुलीका दर्द लगाते ही बहुत जल्दी आराम हो जाता है । की ० 1) दवा आई आंख की ।
इससे आई हुई आंख का दई लाली आदि फौरन आराम होती है । की ० ।) दवा पेट दर्द की ।
इससे सब तरहका पेटका दर्द (शूल) फौरन आराम हो जाता है की oil) कृमि नाशक वटी ।
इससे पेटमें जो छोटे २ कीडे पड जाते हैं वह दूर होकर कृमिरोग नाश होजाता है । की ० ||)
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कोकिल कंठ वटिका ।
इससे किसी कारण से बैठ गया हो वह साफ होकर आवाज साफ हो जाती है । की ० । )
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