Book Title: Astittva aur Ahimsa
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 233
________________ तब मौन हो जाएं २१५ या थोड़ा जल जाता है तो आदमी आवेश से भर जाता है। ऐसे प्रसंग पर मौन किया जाता है तो आवेश को अभिव्यक्त होने का अवकाश नहीं मिलता, वातावरण में उत्तेजना नहीं आती, आपसी कलह की संभावना क्षीण हो जाती है। ऐसे अनेक प्रसंग हमारे जीवन में आते रहते हैं। यदि हम उन अवसरों में मौन होने का संकल्प लें, मौन हो जाएं तो शान्तिपूर्ण जीवन जीने का सूत्र हमारे हाथ में आ सकता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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