Book Title: Astittva aur Ahimsa
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 241
________________ युवाचार्य महाप्रज्ञ की महत्वपूर्ण रचनाएं १. तुम अनन्त शक्ति के स्रोत हो। २. मैं : मेरा मन : मेरी शांति (हिन्दी, अग्रेजो) ३. चेतना ऊवारोहण (हिन्दी, गुजराती, बंगला) ४. महावीर की साधना का रहस्य। ५. मन के जीते जीत (हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, बंगला) ६. किसने कहा मन चंचल है (हिन्दी, अंग्रेजी. गुजराती) ७. जैन योग। ८. एसो पंच णमोक्कारो (हिन्दी, गुजराती)। ९. आभामण्डल (हिन्दी, गुजराती, बंगला)। १०. अप्पाणं शरणं गच्छामि। ११. अनेकान्त है तीसरा नेत्र (हिन्दी, गुजराती)। १२. एकला चलो रे। १३. मन का कायाकल्प। १४. संबोधि (हिन्दी, गुजराती, अंग्रेजी)। १५. मैं कुछ होना चाहता हूँ। १६. जीवन विज्ञान (शिक्षा का नया आयाम) (हिन्दी, अंग्रेजी, बंगला)। १७. जीवन विज्ञान : स्वस्थ समाज रचना का संकल्प। १८. कैसे सोचें? १९. आहार और अध्यात्म। २०. प्रेक्षाध्यान: आधार और स्वरूप (हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, बंगला)। २१. प्रेक्षाध्यानः श्वास प्रेक्षा (हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती)। २२. प्रेक्षाध्यानः शरीर प्रेक्षा (हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती)। २३. श्रमण महावीर (हिन्दी, अंग्रेजी)। २४. घर-घट दीप जले। २५. मेरी दृष्टि : मेरी सृष्टि। २६. मैं हूँ अपने भाग्य का निर्माता। २७. अवचेतन मन से सम्पर्क। २८. उत्तरदायी कौन? २९. जीवन की पोथी। ३०. सोया मन जग जाये। ३१. प्रस्तुति। ३२. महाप्रज्ञ से साक्षात्कार। ३३. प्रेक्षाध्यान : कायोत्सर्ग (अंग्रेजी, तमिल, गुजराती)। Jain Education International

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