Book Title: Arddha Kathanak
Author(s): Banarasidas
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Yuva Federation

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Page 5
________________ अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन समाज में विभिन्न उद्देश्यों से प्रेरित अनेक युवा संगठन पहले से ही मौजूद हैं, परन्तु ऐसे युवा संगठन की नितान्त आवश्यकता थी, जो देव-गुरु-धर्म में आस्थावान यत्र-तत्र बिखरे जैन युवा साथियों में देव-गुरुधर्म की महिमा, सदाचारमय जीवन की प्रेरणा तथा जिनागम के अभ्यास पूर्वक प्रात्महित की मचि उत्पन्न कर सकें । प्रचलित विचारधाराओं को तर्क एवं प्रागम की कसौटी पर कसकर पागम सम्मत विचारधारा को प्रोत्साहित कर सकें। इस उद्देश्य से दिनांक १ जनवरी १९७७ को अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन का उदय हुप्रा । प्रारंभ में परस्पर सम्पर्क एवं पत्र व्यवहार के माध्यम से मंगठन की ३५ शाखायें स्थापित की गई, जिसमें ३४७ सदस्य थे। अाज हम अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के परिवार को एक विशाल वट वृक्ष के रूप में देख सकते हैं। अब तक फैडरेशन की २६५ शाखायें तथा ११,८३८ सदस्य बनाए जा चुके हैं। संस्था की रीति-नीति एवं आर्थिक सुरक्षा को दष्टि में इसके एक ट्रस्ट का गठन किया गया है, जिसे रजिस्टई क ! लिया गया है। प्राशा है इस ट्रस्ट की देखरेख में यह संगठन चिरकाल तक अपने उद्देश्यों की पूर्ति में संलग्न रहेगा। केन्द्रीय कार्यकारिणी वर्ष १९८७-८८ के लिए १. ब्र० जतीशचन्द जैन शास्त्री, सनावद अध्यक्ष २. ब० कैलाशचंदजी 'प्रचल' शास्त्री, तलोद उपाध्यक्ष ३. श्री अखिल बंसल, जयपुर उपाध्यक्ष ४. श्री परमात्मप्रकाश भारिल्ल, जयपुर उपाध्यक्ष ५. श्री विपिनकुमार जैन शास्त्री, बम्बई महामंत्री ६. श्री अध्यात्मप्रकाश भारिल्ल, जयपुर मंत्री ७. श्री अभयकुमार जैन शास्त्री, जयपुर कोषाध्यक्ष ८. श्री शीतल श्रीधर शेट्टी, अब्दुललाट प्रचारमंत्री ६. ब्र० अभिनन्दनकुमार जैन शास्त्री, इन्दौर सदस्य (४) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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