________________
पाणिग्गहणु कराविउ
वह
कन्ना
जइयहुं अट्ठवासा जाया तइयह
ताए पिउ पेरणाए
साहुणी सगासह सव्वण्ह धम्म सवणे
(पाणिग्गहण) 1/1
विवाह (कर) प्रे भूकृ 1/1
करवा दिया गया (ता) 1/1 सवि (कन्ना) 1/1
कन्या अव्यय
जब [(अट्ठ)-(वास) 1/1] आठ वर्ष की (जा) भूकृ 1/1 अनि अव्यय (ता) 3/1 स
उसके द्वारा (पिउ) 6/1
पिता की (पेरणा) 3/1
प्रेरणा से (साहुणी) 6/1
साध्वी के (सगास) 5/1
पास (सव्वण्ह) 6/1 वि
सर्वज्ञ के (धम्म) 6/1
धर्म के (सवण)3/1
श्रवण से (सम्मत्त) 1/2
सम्यकत्व (अणुव्वय) 1/2
अणुव्रत अव्यय
और (गहीय) भूकृ 1/2 अनि ग्रहण किये गये (सव्वण्ह) 6/1 वि
सर्वज्ञ के (धम्म) 7/1
धर्म में अव्यय
बहुत (निउण(स्त्री)निउणा) 1/1 निपुण (संजाअ(स्त्री)संजाआ) भूकृ 1/1अनि हुई
सम्मत्तु अणुव्वय
य
, गहीयई सव्वण्ह धम्मि
'अईव
निउणा
वह
जइयतुं ... सा संसुर गेहि
आगया तइयहुं ससुराइ
ससुर के घर में
अव्यय
जब (ता) 1/1 स (ससुर) 6/1 (गेह) 7/1 (आगय(स्त्री)आगया) भूकृ1/1 अनि आ गई अव्यय [(ससुर)+(आइ)]
ससुर आदि को [(ससुर)-(आइ) 2/1] (धम्म) 5/1
धर्म से (विमुह) 2/1 वि
विमुख (देक्ख) संकृ
देखकर
तब
धम्महु
• विमुहु
देक्खेवि
अपभ्रंश अभ्यास उत्तर पुस्तक
131
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org