Book Title: Anusandhan 2009 12 SrNo 50
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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१४०
कडी क्र.
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१८०
१८२
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१८५
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१८६
१८७.
१८७
१८८
१९३
१९९
२०१
२०२
२०३
२०८
२१०
२१२
२१८
२२०
२२०
२२२
शब्द
बापईडो
जाचीक
षासर
शलां
यारइ
गाद्रप
खुप
शबकां
सूति
डंडार
सिहिश्रावन
अशेख विरख
पचकता
वइ
दीव
पध्यमनी
व्यवरी
भ्रम वरत
नरच्यार
मुड
उंखाल पुखाल
मींहीं
सधइणा
शघ
वईकरी
नीध्यान
रजुप्रज्ञा
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अर्थ
बपैयो- चातक
याचक
खासडां-जूतां
सडेलां
ज्यारे
गांधर्व
शिबिका
स्तुति (?)
दांडियारास
सहस्राम्रवन
अशोकवृक्ष
पच्चक्खाण लेता
वये-उमरे
दिव्य
पद्मिनी
विवरी - विवरण सहित
ब्रह्मचर्य व्रत
निरतिचार - दोषमुक्त
मुण्ड - माथु
?
?
?
संघ
वैक्रिय
निधान
ऋजु-प्राज्ञ
अनुसन्धान- ५०
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