Book Title: Anukampadan
Author(s): Yugbhushanvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 378
________________ 375 तेमनी Sis हमगांने हमला न डर्मो खयी नही င်က ने भोत धर्ध वय तेवी साधना उत्कृष्ठ विds चल नधी या जीवन जीन तेनुं चांडु समडिन स्पाज्यु नधी. मिथ्यात्वनी हॉकरीमा खायुच्च छे ने के समजित. या सम्राट थया छे हिडालले होततो थोडस हेवलोंड धातः से चल वैमानिक गतिमां नः जोयु · ू समजिन खूप उहाथ अशुभलाषमा हा लेखामा 'माई दे म३ पेटला होयतो यहा हैक्लोड माँ कॅ भय छै क्योतिष के लपेनर्यात चहल नहि पलू वैमानिक हेवलोडमा लय वैमानिक देव पास जया युट्य, शक्ति डेटला होय? तेनी यासे खा शकनी शुं ज्ञाझता के पाय इसकी उस पूल्य जधु तेखो चाये यहोया ઉંચુ પૂછ્યું બાધ્યુ होत. परंतु तेमनी मानी दिया साधे होवाली युल्यना उलियानो गुगाडार खान बनुबंध को शक्ति है. Salsal onder यांय लयमा तो खठार हशना होतता गया पला जी भु धाय छत्ता ते तो विश्वा कपडे. जधा रोद्र ध्यान दें अशुभ भावमा रा३खात खा कल उडपथी डरीने मोक्षे कशे तेमनो विकास धर्म गयो यनाथ अत्नुना, गलाधर धाने मोक्षे कशे: अनुसंधनी शक्ति ड्रेटली 2 जीक लानु तेमना लूतकाजमा ભૂતડાળમાં छत्ता साथी खाराधना थी Mail: casual & SHI, of डमी डेटलायें ड्य समाधि पूर्वक § मृत्यु जधा हता लोगववा यडे चापना निडायित अथवा नबंधो श्रम ता

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