Book Title: Antim Tirthankar Mahavira
Author(s): Shakun Prakashan Delhi
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

View full book text
Previous | Next

Page 134
________________ तृषा और तृप्ति समय-समय पर भगवान के अनुयायियों ने उनके चरणों के पास बैठकर उनसे विविध विषयों पर प्रश्न किये हैं । कुछ बड़ेबड़े विद्वानों और आचार्यों ने भी अपनी शंकाओं के निवारणार्थ उनसे प्रश्न किये हैं। वे सभी प्रश्न और उन पर भगवान के उत्तर बड़े ज्ञानवर्धक और जीवनोपयोगी हैं। तृषा और तृप्ति में वही प्रश्न और उन पर भगवान के उत्तर संकलित किये गए हैं। प्रश्न और उत्तर जहां प्राण-प्रेरक हैं, वहाँ उनसे भगवान के दिव्य और पावन ज्ञान पर प्रकाश भी पड़ता है। __ प्रश्न हे पूज्य, मनुष्य लक्ष्मीवान् अपने किस कर्म से होता उत्तर-हे भव्यजीव, परमोत्तम वृत्ति वाले मुनियों, श्रावकों, दीन-दुखियों और अनाथों को उचित भोजन और जल देने से मनुष्य लक्ष्मीवान् होता है। प्रश्न-हे पूज्य, मनुष्य को मनोवांछित भोगेय भोग उसके १३२

Loading...

Page Navigation
1 ... 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149