Book Title: Anekant 1997 Book 50 Ank 01 to 04
Author(s): Padmachandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 152
________________ अनेकान्त / ३३ एस. एस. एल. जैन महाविद्यालय संग्रहालय में संरक्षित जैन प्रतिमाएं नरेशकुमार पाठक एस एस एल जैन स्नाकोत्तर महाविद्यालय के सग्रहालय में सग्रहीत प्रतिमाएं मूलत: बेसनगर, विदिशा शहर एव उसके आस-पास के क्षेत्र से संग्रहीत की गई है जो वर्तमान में महाविद्यालय के एक कक्ष मे प्रदर्शित हैं। संग्रह में हिन्दू एव जैन धर्म से सम्बन्धित कलाकृतियों का संग्रह उल्लेखनीय है। इसके अतिरिक्त अभिलेख एव अभिलेखित स्मारक स्तम्भ भी सुरक्षित हैं। मध्यकालीन बलुआ पत्थर पर निर्मित १७ जैन प्रतिमाए सग्रहीत की गई है जिनका विवरण इस प्रकार है: पार्श्वनाथ तेईसवें तीर्थंकर भगवानपार्श्वनाथ कायोत्सर्ग मुद्रा में शिल्पाकित है। तीर्थंकर का सिर अलग है जिस पर कुन्तलित केशराशि का आलेखन है। पीछे की सर्पफण नागमौलि टूट चुकी है। वक्ष पर श्रीवत्स का प्रतीक है। तीर्थंकर के दाईं ओर सौधर्मेन्द्र और बाईं ओर ईशानेन्द्र चँवर लिये हुए खड़े है। पादपीठ पर दाईं ओर यक्षणी पद्मावती और बाईं ओर यक्ष धरणेन्द्र का अकन है। परिकर में दो जिन प्रतिमाओ को अंकित किया गया है। अलंकरण उच्चस्तरीय है। लाञ्छनविहीन तीर्थंकर प्रतिमाएं - संग्रहालय में लाञ्छनविहीन तीर्थंकर की चार पद्मासन एव एक कायोत्सर्ग

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