________________
पुस्तक-समीक्षा
चितेरों के महावीर --लेखक-डा० प्रेम सुमन जैन, वान् महावीर, २. भगवान् महावीर-चिन्तन और पथ, प्रकाशक-ग्रमर जैन साहित्य-सस्थान, उदयपुर । पृष्ठ ३. अतीत के पृष्ठ, ४. विवेक के दर्पण मे। म० १७८, मूल्य–छह रुपए।
पत्रिका का स्तर पूर्ववत् श्रेष्ठ है। अनेक लेख शोधसमीक्ष्य दृति में श्रमण-परम्परा, महातीर-जीवन-चरित दृष्टि से परिपूर्ण है। कवितायें तथा एकाकी अध्यात्मतथा उनके उपदेशो को मरस पीर सुबोध शैली में प्रस्तुत भाव से गुक्त है। मुद्रण एव साज-सज्जा की दृष्टि से किया गया है। उपन्यास-विधा मे प्रस्तुत यह पुस्तक पाठको स्मारिका मुन्दर बन पड़ी है। के लिए रोचक तथा ज्ञानवर्धक होगी ऐसी आशा है ।
२ श्री महावीर-स्मारिका-प्रधान सम्पादक-श्री मुद्रण तथा साज-मज्जा की दृष्टि से पुस्तक सुन्दर है।
अक्षय कुमार जैन, प्रकाशक-जन मित्र मण्डल, धर्मपूरा, पं. उदय जैन अभिनन्दन ग्रन्थ--प्रधान सम्पादक- दिल्ली। मूल्य-पांच रुपए। डा. नरेन्द्र भानावत । प्रकाशक-प० उदय जैन अभिनन्दन- जैन मित्र मंडल की हीरक-जयन्ती पर प्रकाशित इस समारोह-समिति, कानोड़ (गजस्थान)--मूल्य---रु.२०/. स्मारिका में अनेक विद्वानो एव कविगो के लेख एवं कवि
जवाहर--विद्यापीठ, कनोड के संस्थापक-संचालक ताय मकलित है। इसके पाँच खण्ड है --१. प्रारम्भिका. १. श्री उदय जैन की पष्टि-पूर्ति के अवसर पर प्रका- २. महावीर-जीवन एव मिद्धान्त, ३. विचार-वीथि, शित इस अभिनन्दन-ग्रन्थ में पण्डित जी के जीवन, व्यक्ति ४. जैन मित्र मंडल, ५. काव्य-पुष्पाजलि । जैनाचार्यो, त्व, विचार एव कर्तत्व पर अनेक लेयको के लेखो के मनियो, नेतामो तथा समाज-सेवियो के मन्देश, विद्वानो अतिरिक्त शिक्षा तथा समाज-सेवा से सम्बन्धित महत्वपूर्ण के शोधपूर्ण लेखो, जैन मित्र मंडल के मन्त्रि परिचय सामग्री भी सकलित की गई है।
नथा कवियो की हृदयहारिणी कवितायो द्वाग म्मारिका ___ यह ग्रन्थ जीवन एवं कर्त त्व, शिक्षा, समाज-मेवा को सर्वागसुन्दर बनाने का प्रयास किया गया है। तथा राजस्थान की प्रमख जैन शिक्षण-सस्थाये--गीपक मुद्रण तथा माज-सज्जा की दृष्टि से स्मारिका सुन्दर चार खण्डो में विभाजित है। शिक्षा - खण्ड में शिक्षा के है। उद्देश्य और शिक्षित की पहचान' (डा. रामनारायण जैन भारती--महावीर-निर्वाण-विशेषाक मेहरोत्रा), विद्यालयीय शिक्षा--प्रयोजन और प्रक्रिया मम्गादक-थी. बच्छगनम चेती (प्रो. कमल कुमार जैन), प्राचार्य (श्री रमेश मुनि शास्त्री)
प्रकायक --श्री. जैन श्वेताम्बर तेगपथी महासभा, आदि अनेक लेख विशेषत. पठनीय है। राजस्थान की
३, पोचंगीज चर्च स्ट्रीट, कलकत्ता प्रमुख प्राबासीय शिक्षण संस्थाओं का परिचय ज्ञान
पृष्ठ म० १७६-1-२२. मूल्य-पाच रुपए
ममीक्ष्य विशेपाक मे भगवान महावीर से सम्बद्ध वर्षक है। प्रयाम प्रशमनीय है और छपाई उत्तम है । मूल्य कुछ।
अनेक लेखों तथा कवितानो का मकलन है । अनेक विद्वान् अधिक लगता है।
सन्तो, लेखको एव कवियों ने विद्वत्तापर्ण लेखों में श्रमण
परम्परा तथा भगवान् महावीर के जीवन एवं शिक्षाम्रो पत्र-पत्रिकाएं
का विवेचन किया है। १. महावीर-जयन्ती-स्मारिका. १९७५-सम्पादक- मद्रण एवं माज-मज्जा की दृष्टि से अक मुन्दर प० भंवरलाल पोल्याका। प्रकाशक-थी रतनलाल छाबड़ा, है। सामग्री पठनीय तथा संग्रहणीय है। मन्त्री-गजस्थान जैन सभा, जयपुर-३, मूल्य-चार रुपए। श्री प्रमर भारती-महावीर-निर्वाण-विशेषाक
स्व. पं० चैनसुखदास जी की प्रेरणा से प्रारम्भ की मुख्य सम्पादक-मुनिश्री नेमिचन्द्र जी गई वार्षिक 'महावीर-जयन्ती स्मारिका' के प्रस्तुत अंक
प्रकाशक -सन्मति ज्ञान-पीट, पागरा-२ मेश्रेष्ठविद्वानों द्वारा लिखित लेख संकलित हैं। १. भग
पृष्ठ स०-२७७ मूल्य-पाच रुपए।