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पुस्तक-समीक्षा
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६ महावीर-शताब्दी-सन्देश---प्रकाशक --दि० प्र. प्रकाशक-हिन्दी-भवन, विश्व भारती, शान्ति निकेतन भगवान महावीर २५वी निर्वाण-शताब्दी-समिति, १४१७, (प. बंगाल)। महावीर-भवन, चादनी चौक, दिल्ली-६।
१४ सम्यग्ज्ञान-अप्रैल, ७५ । प्रकाशक-दि० जन ७. वोर-परिनिर्वाण--अप्रैल, ७५ । प्रकाशक-भग- त्रिलोक शोध-सस्थान, ४६१०, पहाडी धीरज दिल्ली । वान् महावीर २५०. वो निर्वाण-महोत्सव-महाममिति, १५ तीर्थडुर-फरवरी, ७५ प्रकाशक-हीरा भैया २१०, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली-१। प्रकाशन' ६५, पत्रकार कालोनी, कनाडिया मार्ग, इन्दौर-१
८. ऋषभ-सन्देश-महावीर - जयन्ती - विशेषाक । १६. जिनवाणी-मार्च, ७५ । प्रकाशक- सम्यग्ज्ञान प्रकाशक-ऋषभ ब्रह्मचर्याश्रम, चौरासी, मथुरा। प्रचारक-मण्डल । रामलाल जी का गस्ता, जयपुर-३
. सन्मति सन्देश-महावीर-जयन्ती प्रक। सम्पा- १७. जैन जर्नल-(अंग्रेजी श्रमानिक) प्रकाशक जैन दक -श्री प्रकाश हितैषी । ५३५, गांधीनगर, दिल्ली-३१ भबन, कलकत्ता।
१०.प्रान्म-धर्म---माचं, ७५ । प्रकाशक - श्री दि० १ ८. श्रमण-अप्रैल. ७५ । प्रकाशक-पार्वनाथजैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट । सोनगढ (सौराष्ट्र), विद्याश्रम शोध सस्थान । पाई. टी. पाई. रोड, वारा
११. अहिंसा-वाणी-अप्रैल, ७५ । प्रकाशव-प्र० णसी-५ । वि० जैन मिशन, अलीगज (एटा)।
१६. वोर-महावीर-जयन्ती-विशेषांक । सम्पादक१२. वीर-वाणी-(पाक्षिक) मई, ७५ । सम्पादक- पं० परमेष्ठी दास जैन । प्रकाशना-म० भा० दि. जैन श्री भवरलाल जैन, मनिहारो का रास्ता, जयपुर-३। परिषद, ६६, तीरगरान स्ट्रीट, मेरठ-२। १३. विश्व-भारती पत्रिका जनवरी, मार्च, ७५ ।
-युगेश जैन
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काम-भोगों का स्वरूप
सल्लं कामा विस कामा कामा प्रासीविसोवमा।
कामे पत्थेमाणा प्राकामा जति दोग्गई ।। भावार्थ-काम-भोग शल्य (कोटा) है, विप है, और पाशीविष सर्प के समान है। काम भोग के इच्छुक व्यक्ति उनका सेवन न करते हुए भी, दुर्गति को प्राप्त होते है ।
सुव्वणप्पस्स उ पध्वया भवे, सियाह केलाससमा असंखया ।
नरस्स लुद्धस्स न तेहि किचि, इच्छा हुमागाससमा प्रणतया ॥ भावार्थ - मोने-चांदी के कैलाश पर्वत के ममान असंख्य पर्वत हो जाएँ तो भी सृष्णावान् ममृष्य उनसे थोड़ा-भी तृप्त नही होता । इच्छाएँ तो अाकाश के समान अनन्त हैं।
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