Book Title: Anekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 463
________________ ४१० अनेकान्त [किरण १२ 'देवा तत्पश्री राजेन्द्रकीतदिवा तदाम्नाये अग्रवाल तत्प४ श्री महीचंददेवा तत्प श्री देवेन्द्र कीर्ती गर्ग गोत्र भावक संकरलाल तत्पुत्र लखमीचन्द तद् तत्प?' जगत कीर्ती तत्पश्री ललितकीर्ती तय भार्या कस्तूरी तव पुत्र मिरजामल तस्य भार्या रामा श्रीराजेन्द्र कीर्ती तदाम्नाय अग्रवाल गर्गगोत्र साहजी श्री रत्नत्रयबत उचापनार्थ ज्ञानावी च्याथै च इदं नुन्दराम जी तत्पुत्र शिवनारायण जी तत्पुत्र दयाचंद यंत्र करापित। तत् भार्या पार्वती तत्पुत्र धनराज तद भार्या स्योकोरी (तामेका यंत्र) तत्पुत्र श्रीधर इदं वृहत् दशलक्षण यन्त्र करापितं ५० १४ अनन्तवतयंत्र-सं. ११२. शाके १७८५ रूपरामजी तद शिष्य जयकरनदास तत शिप्य पं. खेम मासानामासोतम मासे भाद्रपद मास शुभ शुक्ल चन्द यंत्र लिखापितं सेखावत श्री माधोसिंहजी राज्य पचे पुण्य तिथौ १४ शनिवासरे काष्ठासंघे माथुर- मध्ये श्रीरस्तु। गच्छे पुष्करगणे लोहाचार्या म्नाये भट्टारक श्रीराजेन्द्र ११ विनायक यंत्र-लेख कुछ नहीं । कीर्ती तदाम्नाय अप्रवाशान्वये गर्गगोत्रषु पुण्य प्रभावक देवशासा गुरु भक्ति कारक श्रावक विनोदीराम नये दि. जैन मन्दिरकी प्रतिमाओंके लेख । जी तद् भार्या कसूम्भा तत्पुत्र जीवनराम तस्य भार्या १९५७ माघ सुदि । खुर्जा नगरे प्रतिष्ठितं घोटी तत्पुत्र बरदेव तेन अनन्त बत उद्यानाय प्रष्ट प्रतिमा सिद्ध भगवान की सप्तधातु mxn कर्म पयार्थे इंद मंत्र करापितं पं० रूपराम जी तद् २ .. लेख उपर मुजब । प्रतिमा सिद्ध भगवानकी शिष्य पंजीवनरामेण लिपिकृतं राज्य श्री मेरूसिंह सप्तधातु की ७४. जी राज्ये फतेहपुर नगरे श्री जिनालयस्थ । " " " , " चन्द्रप्रभु की श्वेत(पीतलके यंत्र) पाषाण की १८॥xe १५ रत्नत्रय यंत्र-सं. १६२. मासाना मासोत्तम मासे . , फागन सुदि ३ हर्ष प्रामे प्रतिष्ठतं भाद्रपद मासे शुक्ल पक्षे पुण्य तिथौ १४ शनिवारे प्रतिमा श्वेतपाषाणकी शान्तिनाथ की ११x१. काष्ठा संघे माथुरगच्छे पुष्करगणे लोहाचार्यान्नाये ५ , लेख उपर मुजव । प्रतिमा चौबीसी पट सप्तधातु श्री राजेन्द्र कीर्ती तमनाये पं जीवनराम जी इदं यंत्र की .x६ कृतं सुश्रावक पुण्य प्रभावक धर्मज्ञ रामनारायण जी ६ , , , , ,शंभवनाथ की ६॥४॥ तत्पुत्र बालचंद तद्भार्या हरसुखी त पुत्र अनन्तराम तद् भार्या स्योबाई तेभ्यः रत्नत्रय व्रत उद्यापनार्थ इदं १५६७ फागन सुदि ३ श्री कुन्दकुन्दाचार्या गुरुपदेशात् यंत्र करापितं फतेहपुर नगरे जिन मंदिरं। राणोली नगरे प्रतिष्ठितं प्रतिमा श्वेत पाषाणकी १६ रत्नत्रय यंत्र-संः ११२१ भादवा सुदि १४ अग्रवाल २०॥१६॥ गगं गोत्र श्रावक लखमीचन्द तत्पुत्र मोहनलाल ८, प्रतिमा चन्द्रमभुकी स्फटिकमणि की चिः मगर 'रत्नत्रयव्रत उद्यापनार्थ इदं यंत्र करापितं पंजीवनरा ' मेण कृतं फतेहपुर नगरे जिन मंदिरं। १९६६ माघ सुदि १३ श्री कुन्दकुन्दादि गुरुपदेशात् १७ दशलक्षण यंत्र-संः १६२९ भाद्रपद सुदि १४ अग्रवाल प्रतिष्टितं सेडमल गोपीराम प्रणामिति फतेहपुर गर्गगोत्रे श्रावक मूलचन्द तत्पुत्र दानमल दशलक्षण रामचन्दर की मा चढ़ाई प्रतिमा शान्तिनाथ बत उद्यापनार्थ यंत्र करापितं भहारक श्री जगतकीर्ती श्वेत पाषाणकी १२४१०॥ तत्प महारक श्री बलितकीर्ती तत्प भ. राजेन्द्र (यह प्रतिष्ठा सेडमल भराम लीला रामगढ़कीर्ती तदम्नाये इदं यंत्र करापितं फतेहपुर नगरे । में कराई प्रतिष्ठाचार्य पं. पन्नालाल न्याय१८ दशजण यंत्र-सं. १९२४ शाके १७६ भाद्रपद दिवाकर) मासे शुक्खा परे । गुरुवासरे काष्ठासंघे माथुरगणे १०१७ बैशाख सुदि २ प्रतिष्ठित प्रतिमा शान्तिनाथ पुष्कर गये लोहाचार्याम्नाये भ. श्री सहलकीर्ती की सप्तधातु की ६॥४ ॥

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