Book Title: Anand Pravachana Part 9
Author(s): Anandrushi
Publisher: Ratna Jain Pustakalaya

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Page 6
________________ अरोइ अत्वं कहिए विलावो, असंपहारे कहिए मिलावो। विक्खित्तचित्तो कहीए विलावो, बहु कुसीसो कहिण विलावो।।७।। रुचि-रहित को ब्लथन व्यर्थ है, संशयालु का वका-विलाप। व्यर्थ कथा विक्षिप्तचित्त को है कुशिष्य को शिक्षा शाप ।।७।। חדור

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