Book Title: Amrutsagar Vaidyak Granth
Author(s): Sawai Pratapsinh Maharaj
Publisher: Gyansagar Press

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - अमृतसागरतथाप्रतापसागरतरंग १ नमहिनामैंगरे अरजोरोगीकांनकालिइनेंरिअरशब्दसऐनहीं सोरोगनिदैमरे अरजीरोगाकीनापीअरदेह अरग्टाकोपर्गयो रसोहोयजायसोरोगानिश्चमरे अरजीरोगानेश्रापकाजीभकीयनीअरनासिकाकोअयभाग अरभंगाराकोबीचादसैनहीं ओरोगीनि श्चैमरे अरजीरोगीकामूंटाकोवर्णीरसाहोजाय अररोगीकाला लनेत्रहोजायसोरोगानिगरे अरजारोगीकीइंडीयांबापापा विसयनेंग्रहगकरेनहीं सोरोगीनिश्चैमरेअरजारोगीकापोलवाएं वाणीथकिजाय सामर्थथका सोरोगानिय गरेअरजीरोगीकाच मेंअरजलमेंअापकीछायादाषेनहीं सोरोगीनिश्चैमरेपरजारोगी कोट्टोलालपदमसिरिसोहोजाय अरजीजाभकालाहोजाय अ स्जीकासशरमैपीडाउठिावे सोरोगीनिश्चमरे परजीरोगीकोहि योधरनाभि अरकांधोकांपालागिजायसोरोगानित्रैमरे परजी आदमी अश्लेषा शनभिया आस्वाति मूल पूर्वाफाल्गुनी पूर्ण वादा पूर्वाभाद्रपदा भरणीयॉनक्षत्रांमें अरदीतवारशनैश्वरवारहो य मंगलवारहोय अरचौथिछठि चारसियेतिथिहोय तीमैरोगउपजे नो ओरोगानिश्चैमरे परजीरोगीनपैलाकीषिकीपूतलीमेश्राप कोस्वरुपदीसेनहीं ओरोगनिश्चैमरे परजीरोगीकोसूर्योदयहवा थकाजीवरगोश्वरचाले अरसंध्यासमैचॉवॉश्वरचाले ओरोगीमरैनहीं इतिकालज्ञानसंपूर्णम् अयोषधीविचारलिष्यते वैद्यहै सोपोषदिकागुणागुणविचारे अररोगीनैरोगकाप्रमारामाफिको पधिदे कैसेदेजोरोगथोडोहोयतोग्रौषधिधणीदेनहीं अररोगधगो होयतोओषधिथोडीदेनहीं बरकड़वीअरकसायलीपोषधिरो गीषायनहीं रोपधिसतारोगीइसकेरेसोरोगीजीवनहीं For Private and Personal Use Only

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