Book Title: Agamik Gaccha Prachin Trustutik Gaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Z_Aspect_of_Jainology_Part_3_Pundit_Dalsukh_Malvaniya_012017.pdf
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अमरसिंहसर
. धंधूकीयाशाखा
आगभिक गच्छ / प्राचीन त्रिस्तुतिक गच्छ का संक्षिप्त इतिहास
देवरत्नसूर [गजसिंहसकुमाररास वि०स ं० १५१३ के रचनाकार ]
मतिसागरसूरि
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उदयधर्मसूरि [ प्रथम ] [ मलय सुन्दरीरास वि०सं० १२४३ 'कथाबत्तीसी वि०स० १५५७ ]
सोमतिलकसूरि
सोमचन्द्रसूरि
गुणरत्नसूरि
उदधर्मसूरि [ द्वितीय ] [ धर्मकल्पद्रुम के रचनाकार ]
रत्नतिलकसरि [वि०स० १५८४ में मेघदूत की प्रति के लेखक ]
मुनि सिंहसूर [वि०स ं० १४९९ ] प्रतिमा लेख
शीलरत्नसूरि [वि०सं० १५०६-१५१३] प्रतिमा लेख
सूर [वि०स० १५२०] प्रतिमा लेख
नागरि [आगमिकगच्छ गुर्वावली ] के रचनाकार
आनन्दप्रभरि [वि०सं० १४१३ - १५१४ ]
मुनि रत्नसूरि [वि०स० १५२३ - १५४३] प्रतिमा लेख
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अमरसिंहसूर
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भानु भट्टसूरि
उदयसागरसूरि
आनन्द रत्नसूर [वि०स ं० १५७१ - १५८३] प्रतिमा लेख
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ज्ञानरत्नस
हेमरत्न [वि०स० १५७७] प्रतिमा लेख
माणिक्य मंगलसूरि [वि०सं० १६३९ में अंबेडरास के रचनाकार
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धर्महंससरि ० १६२० के लगभग
[वि०स ं० नववाडढालबंध के रचनाकार ]
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