Book Title: Agam Suttani Satikam Part 06 Bhagvati
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 15
________________ १२ भगवतीअङ्गसूत्रं (२) ११/-/९/५०६ वड्डामितंचेवजावअभिवड्वामिजाव मेसामंतरायाणोविवसेवटंतितावता मे सेयंकल्लंपाउप्पभयाए जाव जलंते सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडगं घडावेत्ता सिवभई कुमारं रज्जे ठावेत्तातं सुबहुं लोहीलोहकडाहकडुच्छुयं तंवियंतावसभंडगंगहाय जे इमे गंगाकूले वाणपत्था तावसा भवंति। होत्तिया पोत्तिया कोत्तिया जन्नई सडई थालई जंच उट्ठदंतुक्खलिया उम्मजया संमज्जगा निमज्जगासंपनक्खाला उद्धकंडूयगाअहोकंडूयगादाहिणकूलगा उत्तरकूलगा संखधमया कूलधमगा मितलुद्धा हत्थितावसा जलाभिसेयकिढिणगाया अवंवासिणो वाउवासिणो जलवासिणो चेलवासिणो अंबुभक्खिणोवायभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारापत्ताहारापुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडियकंदमूलपंडुपत्तपुप्फफलाहारा उदंडा रुक्खमूलिया वालवासिणो वक्कपासिणो दिसापोक्खिया आयावणाहिं पंचग्गितावेहिं इंगालसोल्लियंपिव कंडुसोल्लियंपिव कट्टसोल्लियंपिव अप्पाणं जाव करेमाणा विहरंति जहा उववाइ जाव कट्ठसोल्लियंपिव.अप्पाणं करेमाणा विहरंति। तत्थ णंजे ते दिसापोक्खियतावसा तेसिं अंतियं मुंडे भवित्ता दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइतए, पव्वइएवियणं समाणे अयमेयारूवंअभिग्गहंअभिगिहिस्सामि-कप्पइमेजावजीवाए छटुंछडेणं अनिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालेणं तवोकम्मेणं उड़े बाहाओ पगिझिय २ जाव विहरित्तएत्तिकटु, एवं संपेहेति संपेहेत्ता कल्लं जाव जलंते सुबहुं लोहीलोह जाव घडावेत्ता कोडं बियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हत्थिनागपुरं नगरं सभितरबाहिरियं आसियजावतमाणत्तियंपञ्चप्पिणंति। तएणंसे सिवेराया दोचंपिकोडुंबियपुरिसे सद्दावेंति २ एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! सिवभद्दस्स कुमारस्स महत्थं ३ विउलं रायाभिसेयं उवठ्ठवेह, तएणं ते कोडुबिय-पुरिसा तहेव उवठ्ठति। तएणं से सिवे राया अनेगगणनायगदंडनायग जाव संधिपाल सद्धिं संपरिबुडे सिवभदं कुमारंसीहासणवरंसि पुरस्थाभिमुहंनिसीयावेन्ति २ अट्ठसएणं सोवनियाणंकलसाणंजाव अट्ठसएणं भोमेजाणं कलसाणं सव्विड्डीएजाव रवेणं महया २ रायाभिसेएणंअभिसिंचइ २ पम्हलसुकुमालाए सुरभिए गंधकासाईए गायाईलूहेइ पम्ह० २ सरसेणं गोसीसेणं एवं जहेवजमालिस्स अलंकारो तहेव जावकप्परुक्खगंपिव अलंकियविभूसियं करेंति २ करयल जाव कट्ठ सिवभदं कुमार जएणं विजएणंवद्धावेंतिजएणं विजएणं वद्धावेत्ता ताहिं इठ्ठाहिं कंताहिं पियाहिं जहा उववाइए कोणियस्स जाव परमाउं पालयाहि इट्ठजणसंपरिवुडे हत्थिणपुरस्स नगरस्स अन्नेसिं च बहूणं गामागरनगर जाव विहराहित्तिक? जयजयसदं पउंजंति। तए णं से सिवभद्दे कुमारे राया जाए महया हिमवंत० वन्नओ जाव विहरइ, तए णं से सिवेरायाअनया कयाइं सोभनंसितिहिकरणदिवसमुहुत्तनक्खत्तंसिविपुलं असनपानखाइमसाइमं वक्खडावेति उवक्खडावेत्ता मित्तनाइनियगजावपरिजणं रायाणो यखत्तिया आमंतेति आमंतेत्ता तओ पच्छा पहाए जाव सरीरे भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए तेणं मित्तणनतिनियगसयण जाव परिजणेणं राएहि य खत्तिएहि य सद्धिं विपुलं असनपानखाइमसाइमं एवं जहा तामली जाव सक्कारेति संमाणेति सक्कारेत्ता संमाणेत्ता तं मित्तनाति जाव परिजणं रायाणो य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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