Book Title: Agam 39 Chhed 06 Mahanishith Sutra
Author(s): Punyavijay, Rupendrakumar Pagariya, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 257
________________ [१८] ६-३८५ ६-२७४ ६-२८८ ३-१२५ २-१३ सुहमस्स पुढवि-जीवस्स २-१६३ सुहुमस्स पुढविजीवस्स ६-१३४ सुहमस्स पुढवि-जीवस्स वाव०६-१३५ सुहुमा लोयगे तह य १-९६ सुहेसी किसिकम्मत्तं सूईहिं अग्गिवन्नाहिं ५-११५ सूणारंभ पवित्तं गच्छं ५-१०१ सूरो य सो सलाहो १-१७९ सूल-विस-अहि-विसूइया ६-४०५ से चेय गोयमा ! देवसे णं निविग्घमकिलिटुं से भयवं ! एरिसं पप्पा से भयवं! केतियं तस्स से भयवं ! केरिस से भयवं! गारथीणं से भयवं ! णो वियाणेहं ६-१५३ से भयवं ! पावयं कम्म ६ ८२ से य दुविहे समक्खाए १-२५ सोऊण गई सुकुमालियाए ५-८५ सोगत्तापगालंतंसु धोय- ३-१०२ सोच्चिय जाणेज्जा ६-५९ सो दीहर- अव्वोच्छिन्न- ३-७५ सो पच्चेगबुद्धो जा ६-१६२ सो पुण बहुभवलक्खेसु सो य दोसगुणे णाउं सो लक्खणदेवी जीवो सोलस उग्गम दोसा सो सुरभिगंधगब्भिण सो सुहडो सो य सप्पुरिसो हंधी हा अहण्णो हण मर जं अण्णजम्मेसुं हत्थपाय पडिच्छिण्णं हत्थोसरण निवासे य हयं नाणं कियाहीणं हलुईकरेइ अत्ताणं हा! हा! हा! अकज्जं मे हा हा हा ! इत्थि भावं मे हा हा ! दुटुकडे साहू हा हा मणेण से किंपि हा हा हा पावकम्मा हं हिओवदेसं पमोत्तूण हिमवंत मलय-मंदर हिंसा पुढवादि छब्भेया हेट्ठिमोवरिम गेवेय होइ बले चिय जीयं १-१७८ ७-४४ २-५४ २-१५१ १-७७ १-३५ ६-१७१ १-११४ १-६६ १-११७ १-११३ १-२०६ ६-३९३ १-२०५ ६-६१ ७-१०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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