Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Bhashyam Part 02
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 438
________________ ७६६ १४४ गाथा गच्छा अणिग्गयस्सा गच्छे जिणकप्पम्मिय गच्छे सबालवुड्ढे गच्छो अ अलद्धीओ गच्छो य दोन्नि मासे गड्डा कुडंग गहणे गणओ तिन्नेव गणा गणगोट्ठिमादि भोज्जा गणचिंतगस्स एत्तो गणणाए पमाणेण य. गणधर एव महिड्डी गणनिक्खेवित्तरिओ गणमाणओजहन्ना गणहर आहार अणुत्तरा गणहरथेरकयं वा गणि आयरिए सपदं गणि आयरिए सपदं गणि गणहरं ठवित्ता गणिगा मरुगीऽमच्चे गणिणिअकहणे गुरुगा गणिणिसरिसो उथेरो गणि-वसभ-गीत-परिणामगणि वायए बहुस्सुए गणि! वायग! जिट्ठज्ज! गणोवहिपमाणाई गती भवे पच्चवलोइयं च गमणं जो जुत्तगती गमणाऽऽगमण वियारे गमणाऽऽगमणे गहणे गमणाऽऽगमणे गहणे गमणे दूरे संकिय गम्मइ कारणजाए गव्वो अवाउडत्तं गव्वो णिम्महवता गहणं च गोम्मिएहिं गहणं तु अहागडए गहणंत संजयस्सा गहणे चिट्ठ णिसीयण गहवइणो आहारो गहिए भिक्खे भोत्तुं गहिए व अगहिए वा गाथासं. गाथा ५७६२ गहिओ असो वराओ २१०९ गहियं च अहाघोसं ४२९३ गहियं च णेहिंधण्णं ७४० गहियं च तेहिं उदगं ५७६८ गहियमणाभोएणं २१९७ गहियम्मि वि जा जयणा १४३५ गहियाऽऽउह-प्पहरणा ३६४९ गहियाऽगहियविसेसो ३९८८ गाउअ दुगुणादुगुणं ४००२ गाउय दुगुणादुगुणं ४९८२ गाम-नगराइएK ૨૨૮૫ गामऽब्भासे बदरी १४४३ गामाइयाण तेसिं गामाणुगामियं वा | गामेणाऽऽरणेण व २१४३ | गामेय कुच्छियाऽकुच्छिया ५८३१ गारविए काहीए १३६७ गावो तणाति सीमा २६२ गावो वयंति दूरं २०८४ गाहा अधीकारग २४११ गाहिस्सामि व नीए गिण्हइ णामं एगस्स ६०९० गिण्हतगाहगाणं ४४८९ गिण्हंति वारएणं ६४५८ गिण्हंति सिज्झियाओ ५१४५ गिण्हणे गुरुगा छम्मास ३०७८ गिण्हामि अप्पणो ता ६४२६ गिम्हासु तिन्नि पडला ४७५ गिम्हासु पंच पडला ५८६९ गिम्हासु होति चउरो ३६८४ गिरिजन्नगमाईसुव ३७२१] गिरि-नइ-तलागमाई ५९६६ गिरिनदि पुण्णा वाला३८५६ गिरिसरियपत्थरेहि ३९०१ गिलाणतो तत्थति जणेण २३७० गिहवासे अत्थसत्थेहिं ५१५७ गिहवासे वि वरागा ३८०८ गिहि अण्णतित्थि पुरिसा ६७६ गिहिउग्गहसामिजढे १६७१ गिहिएसुपच्छकम्म ४२६१ गिहिगम्मि अणिच्छते -बृहत्कल्पभाष्यम् गाथासं. | गाथा गाथासं. २२८१ | गिहि जोइं मग्गंतो २९४९ ६०९१ गिहिणं भणंति पुरओ २९४७ ३३५६ गिहिणिस्सा एगागी ५९२७ ३४२७ गिहियाणं संगारो ४७१७ ६०५७ गिहिलिंग अन्नलिंग ७५८ ३४१३ गिहिलिंगस्स उ दोण्णि वि ५१२२ ३३९१ गिहिसंति भाण पेहिय १७२९ ४५९० गीएण होइ गीई ३४४० गीतऽज्जाणं असती ६२८३ ३४६६ गीयं मुणितेगहूँ ૨૬૨૬ गीयत्थग्गहणेणं १८२७ ५२९८ गीयत्थग्गहणेणं १८६६ ४८४० गीयत्थग्गहणेणं २९०८ ३१५२ गीयस्थपरिम्नहिते गीयत्थे आणयणं १९३६ २३९१ गीयत्थे ण मेलिज्जा ५४६२ १७०३ गीयत्थेण सयं वा १०२२ १०९६ गीयत्थे पव्वावण ५१४० १०९७ गीयत्थेसु वि एवं ३३६१ ४५६९ गीयत्थेसु वि भयणा १८४७ २७५४ गीयत्थो जतणाए ४९४६ ५५४७ गीयत्थो य विहारो २३३ गीयमगीतो गीते ५४५९ ३५८४ गीयमगीया अविगीय ३०१२ १७२५ गीयाण विमिस्साण व ५४६० २५०० गीयाणि य पढियाणिय २६०० गीया पुरा गंतु समिक्खियम्मि ३३०९ ३९७४ गुज्झंगम्मि उ वियर्ड ६२६७ ३९७६ गुज्झंग-वदण-कक्खोरु ३७७६ ३९७५ गुण-दोसविसेसन्नू ३६५ २८५५ गुणसुट्ठियस्स वयणं २४५ २९६१ गुत्ता गुत्तदुवारा २०५८ ५६४६ गुत्ते गुत्तदुवारे ३२२५ गुत्ते गुत्तदुवारे ३२३६ ३१६७ गुम्मेहि आरामघरम्मि गुत्ते ३५१३ गुरुओ गुरुअतराओ ६०३९ ५०९० गुरुओ चउलहु चउगुरु ५०७७ ६१७७ गुरुगं च अट्ठमं खलु ६०४३ ४७६३ गुरुगं च अट्ठमं खलु ६२३९ ५२४३ गुरुगा अचेलिगाणं ५९३८ २९५१ | गुरुगा अहे य चरमतिग ५३३ ६८८ १५९६ ३८८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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