Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Bhashyam Part 02
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
गाथानुक्रम
: ७६९
गाथासं.
२४६
८३८
गाथा छम्मास अपूरित्ता छम्मासे आयरिओ छम्मासे आयरिओ छम्मासे पडियरि छल्लहुए ठाइ थेरी छल्लहुगा उणियत्ते छविहकप्पस्स ठिति छविह सत्तविहे वा छव्वीहीओगामं छहिं निप्फज्जइ सो ऊ छादेति अणुक्कुयिते छायाए नालियाइव छाया जहा छायवतो णिबद्धा छारेण लंछिताई छिंडीइ पच्चवातो छिंडीए अवंगुयाए छिंदंतस्स अणुमई छिक्कस्स व खइयस्सव छिज्जंते वि न पावेज्ज छिण्णावात किलंते छिन्नमछिन्ना काले छिन्नममत्तो कप्पति छिन्नम्मि माउगते छिन्नाइबाहिराणं छिन्त्रण अछिन्नेण व छिहलिं तु अणिच्छंते छुभणं जले थलातो छुभमाण पंचकिरिए छेओ न होइ कम्हा छेदणे भेयणेचेव छेदो छम्गुरु छल्लहु छेदो मूलं च तहा छेदो मूलं च तहा छेलिय मुहवाइत्ते छोदणऽणाहमडयं छोढूण दवं पिज्जइ
५५४० ४४०७ १४८८ १५२९ ४७३० १०६३ ५३४६ ४८४९ २४८३ દ૨૭૪ ५२७२ १२२० ४३४३ २५१५ ६०१३ ४१६३ ४०७३ ५७१५
८५३
गाथासं. | गाथा
७६८ जइ अगणिणा उ वसही १९९८ जइ अभिंतरमुक्का २००१ जइ इच्छसि सासेरा ६२१८ जइ उस्सग्गे न कुणइ २४१० जइ एगत्थुवलद्धं ६०७७ जइ एगस्स वि दोसा ६४८८ जइ एयविप्पहूणा ૨૭૪ जइ एवं संसट्ठ १४०० जइ एव सुत्तसोवीर९७७ जइ ओदणो अधोए ४०८८ जइ कप्पादणुयोगो
२६१ जइ कालगया गणिणी ३६२८ जइ किंचि पमाएणं ३३१२ जइ कुट्टणीउ गायंति २६५३ जइ कुसलकप्पिताओ २६५५ जइ कूवाई पासम्मि १७८९ जइ जं पुरतो कीरइ १३३७ जइ जग्गंति सुविहिया
७११ जइणेउं एतुमणा ५६११ जइ तत्थ दिसामूढो १६८३ जइ ता अचेतणम्मि ३६४३ जइ ता दंडत्थाणं ३९५६
जइ ता दिया न कप्पइ
जइ ताव तेसि मोहो ३०५२ जइ ताव दलंतगालिणो ५१७९ जइ ताव पलंबाणं ५६२३ जइ ताव पिहुगमाई । ९१० जइ ता सणप्फईसुं ४९७० जइ तिन्नि सव्वगमणं ४८९९ जइ तेसिं जीवाणं २९१४ जइ दिद्रुता सिद्धी २५२२
जइ देंतजाइया जा२५३९
जइधम्मं अकहेत्ता ६३२४
जइ नत्थि कओ नाम ५२२१
जइ नाणयंति जोई ३४१९ जइ नाम सूइओ मि
जइ निल्लेवमगंधं जइ नीयमणापुच्छा
जइ पंच तिन्नि चत्तारि २०६८ जइ पज्जणं तु कम्म ३८७४ | जइ परो पडिसेविज्जा
गाथासं. गाथा ३७३३ जइपवयणस्स सारो
जइ पुण अणीणिओ वा ६२३० जइ पुण अत्थिज्जंता ३४३७ जइ पुण खद्धपणीए ४५८२ जइ पुण जुन्ना थेरा १८४० जइ पुण तेण ण दिट्ठा ५३०४ जइ पुण पव्वावेती ५३०८ जइ पुण पुरिमं संघ
३०५ जइ पुण संथरमाणा १७३५ जइ पुण सव्वो वि ठितो
२५१ जइ पुण होज्ज गिलाणी ३७३१ जइ पोरिसित्तया तं १३६८ जइ बारस वासाई २६६३
जइ बुद्धी चिरजीवी १०११ जइभागगया मत्ता ११०६ जइ भुत्तुं पडिसिद्धो १८१७ जइ भे रोयति गिण्हध ३५२९ जइ भोयणमावहती ५३८९ जइमं साहुसंसग्गिं ३१०८ जइ मूल-ऽग्गपलंबा ३८१४ जइ रज्जाओ भट्ठो ४४२९ जइ रन्नो भज्जाए २८४० जइ वा कुडी-पडालिसु २१५६
जइ वा सव्वनिसेहो ४३२५ जइ वा हत्थुवघाओ १०५३ जइ वि अणंतर खेत्तं १०८२ जइ वि निबंधो सुत्ते २५४६ जइ वि पगासोऽहिगओ १५१४ जइ वि य उप्पज्जंते ३८३० जइ वि य न प्पडिसिद्धं १००४ जइ वि य पिपीलियाई २९७६ जइ वि य पुल्वममत्तं ११३९ जइ वि य फासुगदव्वं
जइ वि य भूयावादे २९४१ जइ वि य महव्वयाई ४५४६ जइ वि य वत्यू हीणा १७४० | जइ वि य सनाममिव परि५५६३ जइ वि य होज्ज वियारो १५१८ जइ वि हु सम्मुप्पाओ १७६७ जइ संजमो जइ तवो २७०२ | जइ स च्चेव य इत्थी
६३५
६३४
४८६७ ८१३ ४८५ १५२० १००१ १२२३ १३८७ ૨૮૩૬ २८६४ १३४५ २८६३
१४५ २१०३
७२९
२०६
१३४० ૨૨૮૬ १११८ २०११ २५५३
जइ अंतो वाघाओ जइ अकसिणस्स गहणं
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474