Book Title: Agam 26 Chhed 03 Vyavahara Sutra Vavaharo Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 63
________________ दसमो उद्देसो ૧૭ माणक नाममेगे नो अट्टकरे, एगे अट्ठकरे वि माणकरे वि, एगे नो अटुकरे नो माणकरे ॥ ८. 'चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता", तं जहा - गणटुकरे नाममेगे नो माणकरे, माणकरे नाम नो गणकरे, एगे गणटुकरे वि माणकरे वि, एगे नो गणट्ठकरे नो माणकरे ॥ ६. 'चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता", तं माणकरे 'नाममेगे तो गणसंगहकरे, गणसंग्रहकरे तो माणकरे" ॥ १०. 'चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता", तं जहा - गणसोभकरे' नाममेगे तो माणकरे, माणक नाममेगे नो गणसोभकरे, एगे गणसोभकरे वि माणकरे वि, एगे नो गणसोभकरे तो माणकरे ॥ ११. 'चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता", तं जहा -- गणसोहिकरे नाममेगे तो माणकरे, माणकरे नाम मेगे तो गणसोहिकरे, एगे गणसोहिकरे वि माणकरे वि, एगे नो गणसोहिकरे तो माणकरे ॥ जहा - गणसंगहकरे नाममेगे नो माणकरे, एगे गणसं गहकरे वि माणकरे वि, एगे नो धम्म-पदं १२. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-रूवं नाममेगे जहइ' नो धम्मं, धम्मं नाममेगे जहइ नो रूवं, एगे रूवं पि जहइ धम्मं पि जहइ, एगे नो रूवं जहइ नो धम्मं जहइ ॥ १३. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-धम्मं नाममेगे जहइ नो गणसं ठिति', गणसंठिति नाममेगे जहइ नो धम्मं, एगे गणसंठिति पि जहइ धम्मं पि जहइ, एगे नो गणसंठिति जहइ नो धम्मं जहइ ॥ १४. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा – पियधम्मे नाममेगे तो दढधम्मे, दढधम्मे नाममेगे तो पियधम्मे, एगे पियधम्मे वि दढम्मे वि, एगे नो पियधम्मे नो धम्मे ॥ आयरिय-पदं १५. चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तं जहा --- पव्वावणाय रिए नाममेगे तो उवट्ठावणाय५. गणंसि चत्तारि पुरिसज्जाया परिवसंति (क, ता) । ६. गण सोभाकरे ( क ); गणसोहाकरे ( ता ) 1 ७. गणसि चत्तारि पुरिसज्जाया परिवसंति १. 'म' प्रतो तो पाठ संक्षेपो दृश्यते यथा --- एवं गणटुकरे वि ४ गणसंगहकरे ४, गणसोहिकरे ४ । २. गणसि चत्तारि पुरिसज्जाया परिवसंति पुरिसज्जाया परिवसंति (क, ता) | ३. गणंसि चत्तारि (क, ता) 1 ४. चउभंगो (क, ता) | Jain Education International (क, ता) । ८. जहाति (क, ता ) 1 ६. गणट्टिइं (क, ता) | For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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