Book Title: Agam 21 Puffiyanam Dasamam Uvvangsuttam Mulam PDF File Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 5
________________ अज्झयणं-३ तए णं पासे अरहा अन्नया कयाइ वाणारसीओ नयरीओ अंबसालवणाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता बहिया जनवयविहारं विहरइ, तए णं से सोमिले माहणे अन्नया कयाइ असाहुदंसणेण य अपज्जुवासणयाए य मिच्छत्तपज्जवेहिं परिवड्ढमाणेहिं सम्मत्तपज्जवेहिं परिहायमाणेहिं मिच्छत्तं विप्पडिवण्णे, तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था- एवं खलु अहं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणे अच्चंतमाहण-कुलप्पसूए तए णं मए वयाइं चिण्णाइं, वेदा य अहीया, दारा परिणीया, गब्भा आहूया, पुत्ता जणिता, इड्ढीओ समाणीयाओ पसुवधा कया जन्ना जेट्ठा दक्खिणा दिन्ना अतिही पूजिता अग्गी या जूवा निक्खित्ता तं सेयं खलु मम इयाणिं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव उट्ठियंमि सूरे सहस्सरस्सिंमि दिनयरे तेयसा जलंते वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अंबारामे य माउलिंगारामे य बिल्लारामे य कविट्ठारामे य चिंचारामे य पुप्फारामे य रोवावित्तए । एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कल्लं पाउप्पभायाए जाव पुप्फारामे य रोवावेइ, तए णं बहवे अंबारामा य जाव पुप्फारामा य अनुपुव्वेणं सारक्खिज्जमाणा संगोविज्जमाणा संविड्ढज्जमाणा आराम जाया-किण्हा किण्होभासा जाव रम्मा महा-मेहनिकुरंबभूया पत्तिया पुप्फिया फलिया हरियगरेज्जिमाणसिरीया अईव-अईव उवसोभेमाणा चिटुंति, तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंब जागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव सम्प्पज्जित्था-एवं खलु अहं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणे अच्चंतमाहण कुलप्पसए तए णं मए वयाइं चिण्णाइं जाव जूवा निक्खित्ता तए णं मए वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अंबारामा जाव पुप्फारामा य रोवविया तं सेयं खलु ममं इयाणिं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव उद्वियंमि सूरे सहस्सरस्सिंमि दिनयरे तेयसा जलंते सुबहुं लोहकडाकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडं घडावेत्ता विउलं असणं जाव साइमं उवक्खडावेत्ता मित्त-नाइ आमंतित्ता तं मित्तनाइ० विउलेणं असनं जाव सम्माणेत्ता तस्सेव मित्त-नाइ० पुरओ जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेत्ता तं मित्तनाइ० जेट्टपुत्तं च आपुच्छित्ता सुबहुं लोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडंग गहाय जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति लोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंडगं गहाय जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति तं जहा-होत्तिया पोत्तिया कोत्तिया जण्णई सड्ढई थालई हुंबउट्ठा दंतुक्खलिया उम्मज्जगा संमज्जगा निमज्जगा संपक्खालगा दक्खिणकूला उत्तरकूला संखधमा कूलधमा मियलुद्धा हत्थितावसा उदंडगा दिसापोक्खिणो वक्कवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो रुक्खमूलिया अंबभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडिय-कंद-मूल-तय-पत्त-पप्फ-फलाहारा जलाभिसेयकढिण-गायभूया आयावणाहिं पंचग्गिहतावेहिं इंगालसोल्लियं कंदुसोल्लियं कट्ठसोल्लियं पिव अप्पाणं करेमाणा विहरंति तत्थ णं जे ते दिसापोक्खिया तावसा तेसिं अंतिए दिसापोक्खिय तावसत्ताए पव्वइत्तए, पव्वइएऽवि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिहिस्सामि कप्पइ- मे जावज्जीवाए छटुंछटेणं अनिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालेणं तवोकम्मेणं उड्ढे बाहाओ पगिज्झिय पगिज्झिय सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स विहरित्तए त्तिकट्ठ एवं संपेहेइ संपेहेत्ता कल्लं जाव जलंते दीपरत्नसागर संशोधितः] [4] [२१-पुफियाणं]Page Navigation
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