Book Title: Agam 21 Puffiyanam Dasamam Uvvangsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 15
________________ तए णं से पुन्नभद्दे अनगारे तहारूवाणं थेराणं भगवंताणं अंतिए सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जइ अहिज्जित्ता बहूहिं चउत्थ-छट्ठट्ठम-दसम-दुवालसेहिं जाव भावित्ता बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झोसेत्ता सढि भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता आलोइय-पडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे पुन्नभद्दे विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव भासमणपज्जत्तीए पज्जत्तभावं गए, एवं खलु गोयमा! पुन्नभद्दे देवेणं सा दिव्वा देविड़ढी जाव अभिसमण्णागया... पुन्नभद्दस्स देवस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गो०! दो सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, पुन्नभद्दे देवे ताओ देवलोगाओ जाव कहिं गच्छिहिति० ? गो०! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ, एवं खलु जंबू! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं निक्खेवओ० त्ति बेमि | अज्झयणं-६ 0 छर्ट अज्झयणं-माणिभद्दे 0 [10] जइ णं भंते! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं उक्खेवओ० तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे, गुणसिलए चेइए, सेणिए राया, सामी समोसरिए, तेणं कालेणं तेणं समएणं माणिभद्दे देवे सभाए सुहम्माए माणिभदंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा पुन्नभद्दो तहेव आगमनं नट्टविही, पुव्वभवपुच्छा, मणिवई नयरी माणिभद्दे गाहावई, थेराणं अंतिए पव्वज्जा, एक्कारस अंगाई अहिज्जइ बहूई वासाइं परियाओ मासिया संलेहणा सहि भत्ताइं० माणिभद्दे विमाणे देवत्ताओ उववाओ, दो सागरोवमाइं ठिई महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ० एवं खलु जंबु! निक्खेवओ / 07-10 - अज्झयणाणि 0 [11] एवं दत्ते सिवे बले अणाढिए सव्वे जहा पुन्नभद्दे देवे, सव्वेसिं दो सागरोवमाइं ठिई, विमाणा देवसरिनामा, पुव्वभवे दत्ते चंदनानामाए सिवे मिहिलाए बले हत्थिणपुरे नयरे अणाढिए काकंदीए चेइयाइं-जहा संगहणीए / मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधिताः सम्पादिताश्च “पुप्फियाणं उवंगसुत्तं” सम्मत्तं | 21 / “पुप्फियाणं" दसमं उवंगसुत्तं सम्मत्तं दीपरत्नसागर संशोधितः] [14] [२१-पुप्फियाणं]

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