Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Author(s): A N Upadhye, Hiralal Jain Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur View full book textPage 2
________________ जीवराज जैन ग्रंथमाला हिंदी पुष्प नं. ७ पउमणंदिक ओ जंबूदीव-पण्णत्ति-संगहो (जैन करणानुयोग विषयक महत्त्वपूर्ण प्राचीन प्राकृत-रचना) आलोचनात्मक रीतिसे पाठान्तरों व परिशिष्टों आदिसहित, प्रथमवार सम्पादित हिंदी अनुवादक पं. बालचंद्र सिध्दान्तशास्त्री सम्पादक प्रो. आ.ने. उपाध्ये प्रो. हीरालाल जैन त्रिलोकप्रज्ञषिके गणितपर हिन्दीमें प्रास्ताविक निबन्धलेखक प्रो.लक्ष्मीचंद्र जैन प्रकाशक श्री जैन संस्कृति संरक्षक संघ ४१०, दक्षिण कसबा सोलापूर -७ वी.नि.सवंत २५३० २००४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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