Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Chandapannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१०३०
लावण्ण (लताव) ज २२११
/लल (लल्लड् ) ललति ज १३१३, ३०, ३२, २१७ ललंत (ललत्) ज ३११७८७११७८ ललाड ( ललाट) ज ७११७८
ललित (ललित) ज ३१६,२२
ललिय (ललित) ज ३६,१७८, २२२७११७८ बिरहा ( 'ललित बाहु ) ज २११५ लव ( लव) २४२, २१६६६७ ११२३५ सू ८1१; १०११२६६५
लव (लप्) लवंति सू २०३१
लबंग
( लवङ्गरूक्ष ) प ११४३२
लवण ( लवण ) प १५५५ १ ज ६११, २, ४,७१४, ३२/१,६३,८७८६११; १६१२,३, ५
१६१२२१२३
लवणजल ( लवणजल ) सू १६/५/३ लवणतोय ( लवणतोय ) सू १९१५१२; १६/२२ २४ लवणसमुद्द ( लवणसमुद्र ) प १५५५; १६।३०
ज ११६, १८, २०, २३, ३५.४८, ४६ ३१,२२, २८,३६,४१,४४,४६, ४११, ३५, ३७, ४२,४५, ५५,६२,७१,७७,८१.८६, ६०, ६४,६८,२००, २०१,२६२,२६५,२७१, २७४ ६/३, ५, १६ से २६,७३१,३३,८७ १ २२ ४१४,७८११
१९१३ से ६
लवणोदधि ( लवणोदधि) सू १९५११ लवणोदय ( लवणोदक ) प १।२३ लहू (लघु) ज ३३३५, ४८, ४६; ७ १७८ लहुपरक्कम ( लघुपराक्रम) ज ५३४८, ४६ लहुभूय ( लघुभूत) ज २७०
लहु (लघुक ) प १४ से ६, ३११८२५१५, ७, २०६; १५।१५ से १७,२८,३२,३३,२८/२६, ३२,६६
लहुयत (लघुकत्व ) प १५३४४, ४५
लाइय (दे० ) प २/३०, ३१, ४१ ज ११३७३।७१८४ लाउय ( अलाबुक) ज ३।११६
१. टीका' में 'ललिनो बाहु' है ।
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लावण्ण-लूहेता
लाउयवण्णाभ ( अलाबुकवर्णाभ) सू २०1२ लाघव ( लाघव) ज २२७१ लाढ ( लाढ ) प ११६३५
लाभ (लाभ) ज ३।१७८७ १७८ लाभंतराय ( लाभान्तराय) प २३२३ लाभस्थिय ( लाभार्थिक ) ज ३१ १८५ लाभविसिट्ट्या (लाभविशिष्टता ) प २३।२१ लाभविहीणया ( लाभविहीनता ) प २३।२२ लायण्णत्त ( लावण्यत्व ) प ३४१२० लाला (लाल ) ज ७११७८ लालाविस ( लाल विष ) प १७० लावग (लावक ) प ११७६ लावणग ( लावणिक) सु १६ २२ २३
लावण्ण ( लावण्य ) प २३१६, २० ज २११५; ५६८,७० उ ३।१२७
/ लास (लासय् ) लानेंति ज ५१५७ लासग ( लासक) ज २१३२ लासिया (लासिका,ल्हासिका) ज ३।११।२ लिक्खा ( लिक्षा) ज २६,४० वित्त ( लिप्त ) प २।२० से २७ लिवि (लिपि) प१185 लिहिय ( लिखित ) ज ७।१७८ लीला ( लीला ) ज ५१३,२८ क्ख ( रूक्ष ) प १४ से ६, ५५, ७, १२६,१५२,
१५४,२११,२१८,२२१,२२६,२४४; १११५६
से ६१,१३२२ २,१३२२,२६,१७११३८; २३।५०; २८६ से ११,२०,३२,५५ से ५७,६६ लक्खत्तण ( रूक्षत्व ) प १३।२२।१ लुक्खा ( रूक्षता ) प १३।२२।१ ज २३१३१ लुद्धग ( लुब्धक) उ ३३६८
√ लूह (मृज्,रूक्षय् ) लूहेइ ज ५६५८ लूहेंति
ज ३।२११
लूहिय ( मृष्ट, रूक्षित ) ज ३६,२२२
लहेता (मृष्ट्वा, मार्जयित्वा रूक्षयित्वा ) ज ३१२११;
५।५८
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