Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Chandapannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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४। १५७
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२१३
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६।१
६१
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सिढ
हेमवय हे रणव
णीलवंतस्स
सणिच्चारी
उबवायसभाए
जमगाओ
दस
णियया
परुप्परंति
सयज्जल
पलासो
घंटा डें
गायाई
उ
भावियप्पा
अभिजियाइया
सवणो
मियसर
अभिई
वहस्सई
कत्तिगी
अस्सिणी
जंगूलाणं
इहगतस्स
चउरुत्तरे
पिहुला
पोग्गला
ओयसंठिती
ओयाए
रय णिखेत्तस्स
२१
सिभ° (अब); णिसह हेमवएरण्णवय
हेमवय एरण्णवय
लवंतस्स
सणिच्चारी
ओताव सभाए
जवगाओ ( अ, ब ) ; जमिगाओ
दह
णितिया
परोप्परति
सयंजल
वलास
घंटा ( अ, ब ) ; घंटापडिस्का°
घंटापडिया (त्रि ) ; घंटापडंसुया गत्ताई (क, ख ) ; गताई
उड्ढमुह ( अ, ब ) ; उद्धीमुह
भावियाया
अभिजिदाइया ( अ, ब ) ; अभिजादिया अभिजादीया
इदगतस्स
चउत्तरे
पिधुला (क); पुहुलो
(क, ख, स )
( क,ख, ब, स ) ;
(त्रि)
(अ, क,ख,ब,स)
(ख)
( अ, क, ख, ब, स )
( अ, क,ख, त्रि, ब, स )
पुग्गला तोतसंठिती
ओताए
तणिखेत्तस्स (क, ग, घ ) ; रातिखेत्तस्स
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(प)
(क)
( अ,त्रिब)
(त्रि )
(ब)
( क, ख ) ;
सम
मगसिर
अभिती ( अ, ब, स ) ; अभिवी
पहस्ती ( अ, ब ) ; वह फई
कत्तिको ( अ ) कित्तिकी ( ख ब ) ; कित्तिगी ( स )
;
आसिणी
लांगुला
सूरपणती
(स)
( ब )
(क, ख, प)
(ख)
(क,स) ;
(ख)
( अ, ब )
(ब)
(क, ख )
(त्रि)
(ब)
(प)
( ग, घ )
(ट)
(ट)
(क, ग, घ )
(ट,व)
(ट)
(ट)
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