Book Title: Agam 12 Uvavayaim Uvangsutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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सूर्त-४४
पडियगा तरुपडियगा मरुपडियगा गिरिपक्खंदोलगा तरुपक्खंदोलगा मरुपक्खंदोलगा जलपवेसी जलणपवेसी विसभक्खियगा सत्थोवाडियगा वेहाणसिया गेद्धपट्टगा कंतारमयगा दुब्मिक्खमयगा असंकिलिट्ठपरिणामा ते कालमासे कालं किया अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उबवाए पन्नत्ते तेसि णं भंते देवाणं केवइयं कालं ठिई पत्ता गोयमा बारसवासहस्साइं ठिई पत्रत्ता अस्थि णं भंते तेसिं देवाणं इड्ढीइ वा जुई वा जसे वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कारपरकूकमेइ वा हंता अस्थि ते णं भंते देवा परलोगस्स राहगानो इण पट्टे
२५
से जे इमे गामागर- [नयर-निगम रायहाणि खेड-कब्बड- दोणमुह-मडंब पट्टणासम-संबाह]सण्णिवेसे मणुया भवंति तं जहा-पगइभद्दगा पगइउवसंता पगइपतणुकोहमाणमायालोहा मिउमद्दवसंपन्ना अम्लीणा विणीया अम्मापिउसुस्सूसगा अम्पापिऊणं अणइक्कमणिजवयणा अमिच्छा अपारंभा अपपरिग्गहा अप्पेणंआरंभेणं अप्पेणंसमारंभेणं अप्पेणंआरंभसमारंभेणं वित्ति कप्पेमाणा बहूई बासाई आउयं पालेति पालित्ता कालमासे कालं किया अण्णयरेसु वाणमंतरेसु [ देवलोएस देवत्ताए उववत्तारो भवंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसि ठिई तहिं तेसिं उववाए पत्रत्ते तेसि णं भंते देवाणं केवइयं कालं ठिई पत्रत्ता गोयमा चउद्दसवाससहस्साइं ठिई पत्रत्ता अस्थि णं भंते तेसिं देवाणं इड्ढीइ वा जुईइ वा जसेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा हंता अस्थि ते गं भंते देवा परत्लोगस्स आराहगा नो इाट्ठे समठ्ठे से जाओ इमाओ गामागर-नियर-निगम- रायहाणिखेड - कब्बड - दोणमुह मडंब पट्टणासम-संबाह] -सण्णिवेसेसु इत्थियाओ भवंति तं जहा - अंतोअंतेरि- याओ गयपइयाओ मयपइयाओ बालविहवाओ छड्डियल्लियाओ माइरखियाओ पियरक्खियाओ भायरक्प्रियाओ पइरक्खियाओ कुलघररक्खियाओ ससुरकुलरक्खियाओ परूढणहकेस - कक्खरोमाओ ववगयपुष्पगंधमल्लालंकाराओ अण्हाणग-सेय जल्ल-मल-पंक-परितावियाओ वय - खीर दहि-नवणीय सप्पि - तेल्ल - गुल- लोण - महु-मत्र- मंस- परिचत्तकयाहाराओ अपिच्छाओ अप्परंमाओ अप्पपरिगहाओ अप्पेणआरंभेणं अप्पेणंसमारंभेणं अप्पेणं आरंभसमारंभेणं वित्ति कप्पे- माणीओ अकामबंभचेरवासेणं तामेव पइसेज्जं नाइककर्मति ताओ णं इत्वियाओ एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणीओ बहूई वासाई [ आउयं पार्लेति पालित्ता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भयंति तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उदवाए पन्नत्ते तेसि णं भंते देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता गोयमा चउसट्ठियाससहस्साई ठिई पन्नत्ता अस्थि णं भंते तेसिं देवाणं इड्ढीइ वा जुईइ वा जसेइ वा बलेइ वा वीरिएड वा पुरिसक्कारपरकूकमेइ बा हंता अस्थि ते णं भंते देवा परलोगस्स आहगा नो इगट्टे समट्टे]
से जे इमे गामागर - [नयर-निगम रायहाणि खेड- कब्बड- दोणमुह-मडंब पट्टणासम-संवाह]सण्णिवेसेसु मणुया भवंति तं जहा- दगबिइया दगतइया दगसत्तमा दगएकूकारसमा गोयमगोव्वइय-गिहिधम्म-धम्मचिंतग-अवि- रुद्ध-विरुद्ध बुड्ढसावगप्पभितयो तेसिं णं मणुयाणं नो कप्पति इमाओ नव रसविगईओ आहारेतए तं जहा-खीरं दहिं नवनीयं सम्पि तेल्लं फाणियं महुं मज्जं मंसं नन्नत्य एक्काए सरिसवविगईए ते णं मणुया अपिच्छा [ अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा अप्पेणंआरंभेणं अप्पेणंसमारंभेणं अप्पेणंआरंभसमारंभेणं वित्तिं कप्पेमाणा बहूई वासाई आउयं पालेति पालित्ता कालमासे कालं किया अन्नयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उबवत्तारो भवंति तहिं
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