Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur View full book textPage 4
________________ प्रतिभूति सा तदानो नातोति स्यमिय समिता । वा भवनादिभिष्ठमुपगता सिमिता भयवजितलेन स्थिरा ममहा धनधान्यादि कात पदमव वधारय । पद्मजा चवमा प्रमुदिता का प्रमोदकार पवनां समागत् प्रमा गरी मोत्रा लाभपदाय पदमा वाता सन्तो यो मा प्रतिजानपदा। पाठवितात प्रमुदितमान्पुमानि जनपदाय यन मातामधुच्या मनुजमेभाकोची सोच मनुष्यजनाकोति वाच्ये राजदन्तादिरनादाको यजनममुन्यात पाकोवा प्याप्तो मनुष्य त्रयम्यात [वसवसङ्घस्यमष्टिष्टरिभिट्टा सत्तसेउसीमा हटानां सामान सह शतपत्र विचिता रिट दूर याद या साहा ममोधा पयामि तपसाधनसमर्थत्वात् पश्यन्तति वोम्योजता न सेतुमोमा भागमीमा वा सा तथा पदरा मंदि विशेपणानि सेतूभि ब्रम्मा बसेकवाचि सोमास वस्या' सा तथा अथवा दूरातियो सरा पिता' कविता बेसीमा दम्बा म तथा घनेन तमगासपाटा रिमियममा मुनयना गवया पाइयमानसयम वित्त मेउसीमा | विशेष नमरी विकिरन ने बोलावता तो बाइरिडा पुत्र पर समय विनमयरहित मनवान्यादिजेतिर पतिलोमाचार तथा प बायकोहर पानोच भरोबर जनमतबर करीनगरो साता शेरबहोरोPage Navigation
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