Book Title: Agam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 14
________________ भवत्। चिरा पोरात उत्तर पुज्यत्ति उत्तरपुर उत्तरपूर्वायामित्यर्थमभापति दिग्भाग पुचभत्र नाम चैत्य वान्तरायतन होलेति पुरिसपत्ते विकास चाहिये यत्र तचिरादिश्रम चतएव पूर्वपुरुयेतोतरे प्रचतमुपादेयतया प्रचारित fresentre सहिमेति शब्द प्रसिद्धि मातोयस तदित वित्तियन्ति विश द्रव्यं तदति यस तवं वृति वत्त वित्तियति पाठान्तर तव जनेन बोलित ममुतकोसिद वा बापत न्यायनिर्माविकासात यात्री तथा जनमाभूत बोनस समर्थ सर्वमिति व्यव । डागा पड़ागमपि सपताकाया वत्ततइति तावताना सा पतिपताका तथा मwिn aneer वाचनान्तरे सपहार पड़ागाराम मेडिपत्ति मोम मोममदमा मौमा पण भामचे एहोत्या चिईए पुष्पुरेपण मोराणे सहिए वित्तिए किए पाए मते मा घटे उपचारमा पारमतिमिव नगरीव पायो परियार प्रद पुरिखिममा हिमपविभागान पतला गामयि तिन पूनिपपातमा प्याराधनाजोग्र या पा दर परवर दिग्बामनउपादिनिवेशयाविति वित्तेबाबत पर छविसहित स्वमासहित घटाइसहित पताबाध्यधामपिताकाजात परिपाकमोद तमाम पोसतोमा माओ

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