Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 14
________________ - 兰罪業器器器器养糕养养养器养器兼养养养器帶 तयाप्रत्यक्षासनानि गौणानिगुणनिष्पन्नानिभवन्तित्रिंशद्यथाप्राणाना प्राणिना वधोपात:प्राणवधः१ उम्मूलणासरीराउत्तिक्षस्यो मलनेयोन्मूलानानिःकासनंजीवस्यशरीरादेहादितिारा अवीसंभोत्तिअविश्वास:माण्वधप्ररत्तोदिजीवानामवि भणीयो भवतीति प्राणवधस्याविभकारणत्वादविभव्यपदेशति हिंसविसित्तिहिंस्यन्तइति हिंस्याजीवास्तेषाविहिंसाविघातोहिंस्यविहिंसा अजीव विधाते किलकथं चित्माणवधोनभवतीतिइिंस्थानामिति विशेषणं विहिंसायाउक्तमथवाहिंसाविहिंसाचेहग्राह्याद्वयोरुपादानेपिबद्ध समत्वादिति अथवा हिंसनशीलोहिंसाप्रमत्तःजोहोइअप्पमत्तो अहिंसउहिंसउड्यरोत्तिवचनात्तत्कर्ट काविशेषवती हिंसाहिखवि हिंसा४ तहायकिच्चचत्तितयातेनैवप्रकारेण हिंस्याविषयमेवेत्यर्थः अत्यंचाकरणीयं चशब्दएकार्थकसमुच्चयार्थः ५ घातनामार HEAWARENEFFERENAMEANARANPUR __सविहिंसा४ तहाअकिच्चंच५ घायणाय मारणय७ वहणा८ उदवणार तिवायणाय१० प्रारंभ भाषा गोणेकरी नौंपनाहोयत्रीस यथाक्रमें प्राणवध १ शरीरथकी उन्म लनारमनीपरेर प्राणघातनोकरणहारजीवन विश्वासनीकारण थाई ३ जीवनोविधात तेणेप्रकारे अकरणीय५ घातवोई मारिवो जीवनोवधवोट प्रांणनोउपद्रववो मनवचनकायथी पाडियो

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