Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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कर्मधारयानपरंमुधिभताः थियिका सुनिष्पग्रतवापिं योन्यः मंजर्यप्रतीतामाएपायतमका: ग्रेगरकासान्धारयतियेतेतयातया मुयमरणिमयमालयकोइल कोभगभिंगारकर्को उलकनीयंजीयकनंदीमुफयितामिंगतापगकारंडवचाशयाय फलसगारमपणेग सउणगणमिहणविरइयसह गायमञ्जरमरनाइए अकादीमा सारमशाना बनके गानगणाना मिथुनर्विरचितं गदोनतिक चोचतगन्दमधुरसरंच नादितं पिरायग्गिनमतथा वनमंतिप्रशतं गुरम संपिडियदरियभमरमजरूरपारपरिलितमत्त एमयकुममामपलीरामहरगुमगुमंतगुजंस देमभागे मंपिंडिता रमरमधुकरीणां वनसत्कानामेप परति निरायन मतथा तथापरिलीयमाना 'पन्यत:मागत्यनवांतो मात्रपट पटा; रामासलोना: जिसनपटा: मधुर गुमगुमायमाना:गुज तवादयिषं विदधानाः देशभागेष यम्यसातत.समधारयः भिसरपझपना frruतना पश्यि पुनियउदिन पनिरचा पत्यन्तमाशादिता गत्यर्थः एतानि पुनशाणा पिणेषगानि माउफने मिलकन पोननगरस्य भयोगिोषणानिमि रोयएगेगर्णित: गागाविधगुपगममंगमोदि पिपिता नभए गिनिवार गमाननन् भजाम् भूत:पात पुरि गिदीच्या नियेमियरग्मगावरए गामीपपरागार पुगिणी नागरीष गीता मारिणी गनिमे

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