Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 16
________________ प्रतीतंयूरोवनस्पतिविशेषःतूलमर्फतूलंसीहासणसंठिएपासाईएजावपडिरूवेत्तिइहग्रन्थ वाचनाद्वयमस्तितत्रैकाहत्तराव्याख्यास्यामो द्वितीयातुप्राय: सुगमैवयच्चतत्रदुरवगमंतदितरव्याख्यानतोवोदव्यमितिकोणिएणामंरायत्तिकोणिकनामाणिकराजपुत्रोराजाहोत्य त्तिअभवत्व उत्तितवर्णकोवाच्यासचमवाहिमवंतमहंतमलयमंदरमहिंदसारे इत्यादिपसंतडिवडमररज्न पसाहेमाणेविहरइत्येत दंत: तत्रमहाहिमवानिवमहान् शेषराजापेक्षया तथामलयः पर्वतविशेषो मंदरोमेरुमहेन्द्रः शादिदेवराजस्तहत्सारः प्रधानोय: सतथा तथाप्रशांसानि डिम्बानि विघ्नाः डमराणि राजकुमारादिकृतविड्वरायस्मिंस्तथा प्रसाधयन् पालयन्विहरत्तिास्तेस्मति समग्र पुनरग्रे व्याख्यास्यामः थेरत्तिश्रुतादिभि दत्वात् स्थविरः जातिसंपन्नइति उत्तममाटकपक्षयुक्तइति प्रतिपत्तव्यमन्यथामाट कपक्षसम्पन्नत्वं पुरुषमात्रस्यापिस्यादिति नास्योत्कर्षः कश्चिदुक्तोभवेदुत्कर्षाभिधानार्थं चास्यविशेषणकलापोपादानं चिकीर्षितमिति - चंपारणयरीए कोणिएणामंरायाहोत्या वरणोतेणंकालेणं तेणंसमएणं समणस्सभगवनोमहावीर छेतेहनीलोकपूजाअर्चाकरे तेहनोवर्णनककहिवो तिज्ञांचंपानगरीये कोणिकएहवेनामश्रेणिकनोपुत्रराजातिहां तेहनोवर्णनहिवे 森雅器兼養雞業养雖器器装器農業發器義器

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