Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

Previous | Next

Page 5
________________ મળવાનું ઠેકાણું श्री म. . ३. स्थानवासी मेन सोद्धार समिति, है. सध्या या २३, श्रीन Air पासे, सोट (सौराष्ट्र). Published by : Shri Akhil Bharat s. S. Jain Shastroddhara Samiti, Garedia Kuva Road, RAJKOT, (Saurashtra), W. Ry, India. ये नाम केचिदिह नः प्रथयन्त्यवज्ञां, जानन्ति ते किमपि तान् पति नैष यत्नः । उत्पत्स्यतेऽस्ति मम कोऽपि समानधर्मा, कालो ह्ययं निरवधिर्विपुला च पृथ्वी ॥१॥ हरिगीतच्छन्दः 卐 करते अवज्ञा जो हमारी यत्न ना उनके लिये । जो जानते हैं तत्त्व कुछ फिर यत्न ना उनके लिये ॥ जनमेगा मुझसा व्यक्ति कोई तत्त्व इससे पायगा। है काल निरवधि विपुल पृथ्वी ध्यान में यह लायगा ॥१॥ भूख्यः ३. २५300 પ્રથમ આવૃત્તિ: પ્રત ૧૨૦૦ वीर संवत : २४८६ વિક્રમ સંવત્ ૨૦૧૯ ઇસવીસન્ ૧૯૬૩ મણિલાલ છગનલાલ શાહ નવપ્રભાત પ્રિન્ટીંગ પ્રેસ, धी ४in 13, अमहापा શ્રી જ્ઞાતાધર્મ કથાંગ સૂત્રઃ ૦૩

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 867