Book Title: Agam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ५ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नमो नमो निम्मन दंसणस्स पंचम गणधर श्री सुषर्मास्वामिने नमः भगवई लोए सव्वसाहूणं 191-1 (२) नमो बंभीए लिदीए 121-2 (1) अवरनाम - विवाह पन्नत्ति पंचमं अंग पढमं सतं -: पढ मोउ है सो : (१) नमो अरिहंताणं नमो सिद्धाणं नमो आयरियाणं नमो उवज्झायाणं नमो रायगिह चलण दुक्खे कंखपओसे य पगइ पुढवीओ दजावं नेरइए बाले गुरुए य चलणाओ R 194-1 (४) नमो सुयस्स ।३1-3 (५) तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नाम नयरे होत्या- वण्णओ तस्स णं रायगिहस्स नगरस बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीमाणे गुणसिलए नामं चेइए होत्या सेणिएराया चिल्लणा देवी 1४1-4 (६) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्यगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपोंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी लोगुत्तमे लोगनाहे लोगपदीवे लोगपोयरे अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए धम्मदेसए धम्मसारही धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी- अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे वियट्टछउमे जिणे जाणए बुद्धे बोहए भुत्ते मोयए सव्यण्णू सव्यदरिसी सिवम यलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहं सिद्धिगतिनामधेयं ठाणं संपाविउकामे जाव [पुव्वाणु पुद्धिं चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे सुहंसुहेणं विहरणाणे जेणेव रायगिहे नगरे जेणेव गुणसिलए वेइए तेणेव उवागच्छइ उयागच्छित्ता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हइ ओगिण्हित्ता संजेमेमं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ 141-5 For Private And Personal Use Only (७) परिसा निग्या धम्मो कहिओ पडिगया परिसा | ६ |-6 (८) तेण कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्ठे अंतेवासी इंदभूती नामं अणगारे गोयमगोतेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वज्जरिसभनारायसंघयणे कागलगनिघसपम्हगोरे उण्गतवे दित्ततवे तत्तवते महातवे ओराले घोरे घोरगुणे घोरतदस्सी घोरवंभचेरवासी उच्छूढसरीरे संखित्तविउल तेयलेस्से चोहसपुची चउनाणोवगए सव्वक्खरसन्निवाती समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उड्ढजाणू अहोसिरे झामकोडोवगए संजणं तवसा अपाणं भावेमाणे विहरइ 1७1-7 (९) तते गं से भगवं गोयमे जायसड्ढे जायसंसए जायकोउहल्ले उप्पन्नसडूढे उप्पन्न

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