Book Title: Agam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मगवई - 9/19/२० कालं ठिती पत्रत्ता गोयमा जहन्नेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाई नागकुमारा णं भंते केवइकालस्स आणमंति वा गोयमा जहन्नेणं सत्तण्हं थोवाणं उक्कोसेणं मुहत्तपत्तस्स आणमंति वा नागकुमारा णं भंते आहारट्ठी हंताआहारट्ठी नागकुमारा गं भंते केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ गोयमा नागकुमाराइणं दुविहे आहारे पनत्ते तं जहाआभोगनिव्वत्तिए य अणामोगनिव्वत्तिए, य तत्य गंजे से अणाभोगनिन्तिए से अणुसमयपविरहिए आहारट्टे समुप्पज्जइ तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से जहन्नेणं चउत्थभत्तस्स उकूकोसेणं दिवस- पुहत्तस्स आहारट्टे समुप्पाइ सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव नो अचिलयं कम्मं निजरंति एवं सुवण्णकुमाराणवि जाव यणियकुमाराणं ति पुढयिकाइयाणं भंते केवईयं कालं ठिई पत्रत्ता गोयमा जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं यावीसं वाससहस्साइं पुढविकाइया केवइकालस्स आणपति वा गोयमा देमाताए आणमंति वा पुढविकाइया णं आहारट्ठी हंता आहारट्ठी पुढविकाइयाणं केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पाइ गोयमा अणुसमयं अविहरहिए अहारट्टि समुप्पज्जइ पुढविकाइया किमाहारमाहारेंति गोयमा दव्यओ जहा नेरइयाणं जाव निवाघाएणं छद्दिसिं वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउद्दिसिं सिय पंचदिसिं वण्णओ कालनीलपीतलोहियहालिद्दसुकिकल्लाणि गंधओ सुरभिगंध रसओ तित्त फासओ कक्खड़सेसं तहेव नाणत्तं कइभागं आहारेति कईमागं फासाएंति गोयमा असंखिजइभागं आहारति अनंतभागं फासाएंति जाव ते णं तेसिं पोग्गला कीसताए भुजो-भूझो परिणति गोयमा फासिंदियदेमायत्ताए भुजो-भुज़ो परिणमंति सेसं जहा नेरइयाणं जाव नो अचलियं कम्म निजरंति एवं जाव वणस्सइ काइयाणं नवरं ठिती यण्णेयव्वा जा जस्स उस्साप्लो वेमायाए बेइंदियाणं ठिई भाणियब्वा ऊसासो मायाए बेइंदियाणं आहारे पुच्छा गोयमा आभोगनिव्वत्तिए य अणाभोगनिव्वत्तिए य तहेव तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से णं असंखेझसमए अंतोमुहुत्तिए वेमायाए आहारट्टे समुप्पाइ सेसं तहेव जाव अनंतभागं आसाएंति बेइंदिया णं भंते जे पोग्गले आहारत्ता गेण्हति ते किं सव्वे आहारेति नो सव्ये आहारेति गोयमा बेइंदियाणं दुविहे आहारे पन्नत्ते तं जहा-लोमाहारे पक्खेवाहारे य जे पोग्गले लोमाहारताए निण्हंति ते सव्वे अपरिसेसिए आहारेति जे पोग्गले पखेवाहारत्ताए गिण्हति तेसि णं पोग्गलाणं असंखिज्जइभागं आहारेति नेगाई व णं भागसहस्साई अणासाइजमाणाई अफासिज्जमाणाई विद्धसमावनंति एएसि णं भंते पोग्गलाणं अणासाइजमाणाणं अफासाइप्रमाणाणं य कयरे-कयरे अप्पा वा बहुयावा तुला वा विसेसाहिया वा गोयमा सव्वत्योवा पोग्गला अणासाइजमाणा अफासाइजमाणा अनंतगुणा बेइंदिया णं भंते जे पोग्गला आहारताए गिण्हंति ते णं तेसिं पोग्गला कीसताए भुनो-मुनो परिणमंति गोयमा जिभिदियफासिंदियवेमायत्ताए भुञ्जो-भुझो परिणमंति बेइंदियाणं मंते पुव्याहारिया पुग्गला परिणया तहेव जाव चलियं कम्मं निजरेति तेइंदियचउरिदियाणं नाणत्तं ठिईए जाव नेगाइं च णं भागसहस्साई अणाधाइज्जमाणाई अणासाइजमाणाई अफासाइजमाणाई विद्धंसमावजंति एएसि णं भंते पोग्गलाणं अणाधाइजामाणाई पुच्छा गोयमा सव्वत्थोवा पोग्गला अणाधाइजामाणा, अणासाइजमामा अनंतगुणा अफासाइजामाणा अनंतगुणा तेइंदियाणं घाणिंदियजिभिदियफासिंदिययेमायत्ताए भुशो-भुजो परिणमंति चउरिदियाणं चक्खिदिय धाणिदिय जिभि For Private And Personal Use Only

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