Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni
Publisher: Padma Prakashan

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Page 3
________________ सचित्र समवायाङ्ग सूत्र श्रुत आचार्य प्रवर्तक श्री अमर मुनि कमल तुल्य निर्लिप्त १०. स्पर्शनेन्द्रिय - निग्रह ११. क्रोधविवेक १२. मान विवेक ९. जिह्वेन्द्रिय-निग्रह ८. घ्राणेन्द्रियनिग्रह ७. चक्षुरिन्द्रिय निग्रह ६. श्रोत्रेन्द्रियनिग्रह ५. परिग्रह-विरमण ४. मैथुन-विरमण 3. सिंह- सम पराक्रमी ILLUSTRATED अदत्तादान-विरमण १३. माया विवेक २. मृषावाद-विरमण १. प्राणातिपात-विरमण १४. लोभ विवेक १५. भावसत्य २७. मारणान्तिकति सहनता २६. वेदनाति सहनता २५. चारित्र सम्पन्नता १६. करण सत्य १७. योग सत्य मधुकर तुल्य मुधाजीवी १८. क्षमा १९. विरागता २०. मनः समाहरणता २१. वचन समाहरणता २२. काय समाहरणता २३. ज्ञान सम्पन्नता २४. दर्शन सम्पन्नता स्फटिक तुल्य सुनिर्मल SAMVAYANG SUTRA Shrut Acharya Pravartak Shri Amar Muni

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