Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Motichand Maganchand Choksi

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Page 10
________________ पत्रक पत्रांक १२२ ० ००G १२८ १३७ अहा पुर० खहयर० अहापुर. हेगतिया० बहा० पुर० सत्तानाणा. अहा० पुर० सवाउदग. बहा० पुर. उदएसुक महा० पुर० नाणविह बहा० पुर० बाउकाय. अहा० पुर० पुढविचाऐ. अहा. पुर० सव्वे पाणा. असंतएण मणे. बन्न यरेण मणे अहाकम्माणि मुंजति असे सं अक्खयं वा अहिंसयं सवपयाणु अहवा वि विदुणः अजोयरूर्व इ६० अवतरुवं पुरिस अभाइक्खंति खलु आ आसदीपंचमा पुरिसा. आयरिया वेगे अणारिया आया अपचक्खाणी आवि. आचार्य आह-जहा से आदाय बंभचेरै च. आगंतगारे आराम आरंभग चेव परिगाह १०३ १०६ २

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