Book Title: Agam 01 Aayaro Padhamam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 31
________________ अप्पं बुइए पडिभाणी, पंथपेही चरे जयमाणे ।। [२८६] सिसिरंसि अद्धपडिवन्ने, तं वोसज्ज वत्थमनगारे । पसारित्तु बाई परक्कमे, नो अवलंबियाण कंधंसि ।। [२८७] एस विही अणुक्कतो, माहणेण मईमया । अपडिण्णेण वीरेण, कासवेण महेसिणा - त्तिबेमि ।। नवमे अज्झयणे पढ़मो उद्देसो समत्तो ०बीओ - उद्देसो . [२८८] चरियासणाई सेज्जाओ, एगतियाओ जाओ बुइयाओ । आइक्ख ताई सयणासणाई, जाइं सेवित्था से महावीरो ।। [२८९] आवेसण-सभा-पवासु, पणियसालासु एगदा वासो । अदुवा पलियट्ठाणेस्, पलालपंजेस् एगदा वासो ।। [२९०] आगंतारे आरामागारे, तह य नगरे वि एगदा वासो । स्यक्खंधो-१, अज्झयणं-९ उद्देसो-२ सुसाणे सुन्नगारे वा, रुक्खमूले व एगदा वासो ।। [२९१] एतेहिं मनी सयणेहिं, समणो आसी पतेरस वासे । राइं दिवं पि जयमाणे, अप्पमत्ते समाहिए झाति ।। [२९२] निदं पि नो पगामाए, सेवइ भगवं उट्ठाए । जग्गावती य अप्पाणं, ईसिं साई य अपडिन्ने ।। [२९३] संबुज्झमाणे पुनरवि, आसिंसु भगवं उढाए । निक्खम्म एगया राओ, बहिं चंकमिया महत्तागं ।। [२९४] सयणेहिं तत्थुवसग्गा, भीमा आसी अनेगरुवा य । संसप्पगाय जे पाणा, अद्वा जे पक्खिणो उवचरंति ।। अद् कुचरा उवचरंति, गामरक्खा य सत्तिहत्था य । अद् गामिया उवसग्गा, इत्थी एगतिया परिसा य ।। [२९६] इहलोइयाई परलोइयाई, भीमाइं अनेगरुवाइं । अवि सुब्भि-दुब्भि-गंधाइं, सद्दाइं अनेगरुवाइं ।। [२९७] अहियासए सया समिए, फासाइं विरुवरुवाइं । अरई रइं अभिभूय, रीयई माहणे अबहवाई ।। स जणेहिं तत्थ पुच्छिंसु, एगचरा वि एगदा राओ । अव्वाहिए कसाइत्था पेहमाणे, समाहिं अपडिण्णे ।। [२९९] अयमंतरंसि को एत्थ ? अहमंसित्ति भिक्खु आहट्ट । अयमुत्तमे से धम्मे, तुसिणीए स कसाइए झाति ।। [३००] जंसिऽप्पेगे पवेयंति, सिसिरे मारुए पवायंते । तंसिऽप्पेगे अनगारा हिमवाए निवायमेसंति ।। [३०१] संघाडिओ पविसिस्सामो, एहा य समादहमाणा । [दीपरत्नसागर संशोधितः] [30] [१-आयारो]

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